Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

सर्बिया में लिथियम खनन के खिलाफ बड़ा विरोध-प्रदर्शन, राजधानी बेलग्रेड की सड़कों पर उतरे हजारों लोग

सर्बिया में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर लिथियम खनन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने राजधानी बेलग्रेड में शनिवार को विवादों में रही लिथियम खदान को दोबारा चालू करने के विरोध में प्रदर्शन किया। वहीं प्रदर्शन से पहले पुलिस ने दो प्रमुख प्रदर्शनकारी नेताओं कुछ देर के लिए हिरासत में लिया था और कहा था कि सड़कों को अवरुद्ध ना करें।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Sun, 11 Aug 2024 01:50 PM (IST)
Hero Image
सर्बिया के अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को चेतावनी दी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

डिजिटल डेस्क, बेलग्रेड। यूरोपीय देश सर्बिया में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर लिथियम खनन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों ने राजधानी बेलग्रेड में शनिवार को विवादों में रही लिथियम खदान को दोबारा चालू करने के विरोध में प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन से पहले पुलिस ने दो प्रमुख प्रदर्शनकारी नेताओं कुछ देर के लिए हिरासत में लिया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारी नेताओं से कहा था कि प्रदर्शन के दौरान सड़कों को अवरुद्ध करने के किसी भी कदम को अवैध माना जाएगा। वहीं, सर्बिया के अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को चेतावनी दी थी।

बेलग्रेड के मेन रेलवे स्टेशन में घुसे प्रदर्शनकारी

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने 'रियो टिंटो सर्बिया से बाहर निकल जाओ' और 'तुम खुदाई नहीं करोगे' के नारे लगाते हुए बेलग्रेड में मार्च किया। प्रदर्शनकारियों बेलग्रेड के मेन रेलवे स्टेशन में घुस गए और पटरियों को अवरुद्ध कर दिया। इससे कुछ देर के लिए ट्रेन यातायात ठप्प हो गया।

सर्बिया में लिथियम के विशाल भंडार

बता दें कि सर्बिया के पश्चिमी शहर लोज़्निका के पास लिथियम के विशाल भंडार हैं। यहां एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई खनन कंपनी रियो टिंटो इस लिथियम खनन परियोजना को विकसित कर रही है, लेकिन सर्बिया में यह परियोजना लोगों का विरोध झेल रही है। सर्बिया के लोगों को चिंता है कि यह खदान देश के पानी के स्रोतों को प्रदूषित करेगी और पब्लिक हेल्थ को खतरे में डालेगी।

भण्डारों की खोज साल 2004 में हुई

इन भण्डारों की खोज साल 2004 में हुई थी, लेकिन कई हफ्ते तक चले विरोध-प्रदर्शनों की वजह से सरकार को 2022 में इस परियोजना को रोकना पड़ा था। सरकार ने पिछले महीने कोर्ट के फैसले के बाद इस परियोजना को दोबारा शुरू किया। बता दें कि लिथियम रणनीतिक रूप से मूल्यवान धातु है। यह इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों के लिए जरूरी है, जो ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को हरित उत्पादन में बढ़ाने मदद करता है।

ये भी पढ़ें: ट्रिप पर साथ गई सास, इस्तेमाल करती थी दामाद का बेड और टूथपेस्ट; नाराज शख्स वेनिस में परिवार छोड़ लौटा घर