पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन टीएलपी का दुस्साहस, 11 पुलिसकर्मियों को बनाया बंधक, बाद में छोड़ा
पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन टीएलपी का दुस्साहस लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को इस संगठन ने एक डीएसपी समेत 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। हालांकि बाद में सरकार के साथ हुई वार्ता के बाद इन्हें छोड़ दिया गया।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 19 Apr 2021 10:11 AM (IST)
इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बेक पाकिस्तान (टीएलपी) का दुस्साहस लगातान बढ़ रहा है। सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद इस संगठन ने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया। हालांकि बाद में इन्हें छोड़ भी दिया गया। देश के आतंरिक मंत्री शेख राशिद ने सोमवार को बताया पहले चरण की वार्ता के बाद टीएलपी ने लाहौर में बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को छोड़ दिया है।
आपको बता दें कि इस संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी। इतना ही नहीं इस संगठन को प्रतिबंधित किए जाने का विरोध ब्रिटेन तक में दिखाई दिया था। शेख ने अपने एक वीडियो मैसेज में बताया है कि पहले राउंड की वार्ता बेहतर रही है अब सहरी के बाद दूसरे दौर की वार्ता होगी। छोड़े गए सभी पुलिसकर्मियों को रहमातुल लिल अलामीन मस्जिद (यतीम खाना चौक) में भेजा गया है, वहां पर पुलिस भी पहुंच गई है।
पाकिस्तान के अखबार द डॉन की खबर के मुताबिक आंतरिक मंत्री ने उम्मीद जताई है कि दूसरे दौर की वार्ता के बाद प्रतिबंधित संगठन के साथ उभरे सभी विवादित मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। उनके मुताबिक पंजाब की सरकार ने इस मसले को बखूबी सुलझाया है। उम्मीद है कि सहरी के बाद होने वाली वार्ता भी इसी तरह से ठीक रहेगी। सरकार ने टीएलपी की इस करतूत के खिलाफ एक मामला आतंक निरोधक कानून के तहत दर्ज कराया है। एक बयान में लाहौर पुलिस के प्रवक्ता ने बताया है कि लाहौर के सीसीपीओ गुलाम महमूद डोगर ने पुलिसकर्मियों को रिहा कराने के इस पूरे ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। प्रवक्ता के मुताबिक पुलिसकर्मियों समेत रेंजर्स को भी उन इलाकों में तैनात किया गया है जो अधिक संवेदनशील हैं।
लाहौर के सीसीपीओ के मुताबिक टीएलपी ने इन पुलिसकर्मियों को बुरी तरह से टॉर्चर किया है। टीएलपी ने जिन लोगों को बंधक बनाया था उनमें एक डीएसपी भी शामिल था। पंजाब के मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉक्टर फिरदौस आशिक अवान ने बताया है कि मरकज से टीएलपी ने एक डीएसपी समेत 12 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। सरकार ने जिस तरह से इस मसले को हैंडल किया है उसके खिलाफ रुइत्त ए हिलाल के पूर्व प्रमुख मुफ्ती मुनीब्बुर रहमान ने देश व्यापी हड़ताल करने का आहृवान किया है। उन्होंने देश की राजनीतिक पार्टियों से भी इसको समर्थन देने की अपील की है।
उनकी इस अपील पर जमियत उलेमा ए इस्लाम फजल के चीफ मौलाना फजलुर रहमान ने पूरा समर्थन देने का वादा किया है। मुनीब ने सरकार से मांग की है कि टीएलपी को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से हटाया जाए और जो लोग गिरफ्तार किए गए है उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
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