बाढ़ से बर्बाद हुए पाकिस्तान के लिए की गई थी 15 करोड़ डालर की मदद की अपील, मिले महज लगभग 4 करोड़ डालर
बाढ़ से प्रभावित हुए पाकिस्तान को कई देशों से मदद मिल रही है। नेपाल और सऊदी से भी पाकिस्तान को मदद भेजी गई है। इसके अलावा यूएन ने पाकिस्तान के लिए 15 करोड़ डालर जुटाने की अपील की थी।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 15 Sep 2022 03:17 PM (IST)
इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान में बाढ़ से हुई भीषण तबाही के बाद लगातार दुनिया के कई देश मदद को आगे आए हैं। नेपाल से हाल ही में एक चार्टेड विमान से खाद्य सामग्री के अलावा अन्य जरूरी चीजों की खेप पाकिस्तान भेजी गई है। गूगल की तरफ से भी करीब 5 लाख डालर की मदद पाकिस्तान को की गई है। इस बीच बाढ़ की वजह से पिछले 24 घंटों में 300 किमी लंबी सड़कें और करीब 4 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र महानिदेशक एंटोनियो गुतेरस ने पाकिस्तान का दौरा कर प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया था। इसके बाद उन्होंने हालातों को काफी खराब बताते हुए दुनिया से पाकिस्तान को मदद करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की मदद कर परेशानी को कम किया जा सकता है।
यूएन के रेजीडेंट और ह्यूमेनिटेरियन कार्डिनेटर जुलियन हार्निस का कहना है कि पाकिस्तान की मदद के लिए विश्व से 160 मिलियन डालर की फंडिंग की अपील की गई थी, जिसमें से विभिन्न देशों द्वारा किए गए वादों के मुताबिक कुल 150 मिलियन डालर देने की बात कही गई है। अब तक इस अपील के तहत 38 मिलियन डालर से अधिक की राशि को जुटाया जा चुका है। अब तक करीब 7 देशों से पाकिस्तान को मदद देने की बात कही गई है। इसमें अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जापान, डेनमार्क, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, नेपाल आदि शामिल हैं। यूएन की तरफ से कहा गया है कि इस फंड से बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों की स्वास्थ्य सेवा की चिंता को दूर किया जा सकेगा।
हार्निस के मुताबिक पाकिस्तान में बाढ़ से 6 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इन लोगों को सबसे पहले मदद की दरकार है। वहीं पाकिस्तान की सरकार का कहना कि देश भर में इस बाढ़ से करीब 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। यूएन की तरफ से जो अपील की गई है वो सितंबर 2022 से फरवरी 2023 तक है। यूएन की तरफ से पाकिस्तान की सरकार को ये भी कहा गया है कि वो दी जाने वाली मदद की रकम को प्रभावितों के ऊपर ही खर्च करे। साथ ही ये भी कहा गया है कि इस राशि को खर्च रने में पारदर्शिता बनाए रखनी बेहद जरूरी है। यूएन ने शहबाज सरकार से कोई ऐसी संस्था को इसकी निगरानी में लगाने की अपील की गई है जो इसको सही हाथों में जाने की पुष्टि कर सके।