बुशरा बीवी से इमरान खान का निकाह अवैध बताने वाली याचिका स्वीकार, 20 जुलाई को पेश होने का निर्देश
इद्दत 130 दिन के इंतजार की वह अवधि होती है जिसका पालन किसी भी मुस्लिम महिला को तलाक पति की मृत्यु या किसी अन्य वजह से निकाह समाप्त होने पर दूसरी शादी करने के लिए करना होता है। बता दें कि इमरान और बुशरा बीवी का निकाह कराने वाले मौलवी मुहम्मद सईद कोर्ट में अपना यह कथन दर्ज करा चुके हैं कि दोनों ने इद्दत के दौरान निकाह किया था।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 18 Jul 2023 08:34 PM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कोर्ट से राहत मिलती नहीं दिख रही है। बुशरा बीवी से इमरान के निकाह को अवैध बताने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने दोनों को समन जारी कर 20 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता मुहम्मद हनीफ ने दावा किया
जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता मुहम्मद हनीफ ने दावा किया है बुशरा बीवी को उनके पति ने नवंबर, 2017 में तलाक दिया था और इसके बाद इमरान खान ने उनसे जनवरी 2018 में निकाह कर लिया था। याचिका में कहा गया है कि इमरान ने शरिया के खिलाफ जाते हुए 'इद्दत' अवधि का पालन नहीं किया।
क्या होती है इद्दत?
जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इद्दत 130 दिन के इंतजार की वह अवधि होती है जिसका पालन किसी भी मुस्लिम महिला को तलाक, पति की मृत्यु या किसी अन्य वजह से निकाह समाप्त होने पर दूसरी शादी करने के लिए करना होता है।बता दें कि इमरान और बुशरा बीवी का निकाह कराने वाले मौलवी मुफ्ती मुहम्मद सईद कोर्ट में अपना यह कथन दर्ज करा चुके हैं कि दोनों ने इद्दत के दौरान निकाह किया था। कहा जाता है कि इमरान ने ऐसा इसलिए किया कि उन्हें किसी ने बताया था कि इमरान तभी प्रधानमंत्री बन पाएंगे जब वह बुशरा से निकाह करेंगे।