पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम से पीएम इमरान खान की पार्टी को लगा जोर का झटका
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद जानकार मानते हैं कि इसका अंजाम भले ही कुछ भी हो लेकिन इससे इमरान खान और उनकी पार्टी की लीडरशिप पर गहरा धक्का लगा है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 22 Mar 2022 03:02 PM (IST)
इस्लामाबाद (एएनआई)। पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव की वजह से न सिर्फ प्रधानमंत्री इमरान खान की छवि को गहरा धक्का लगा है, बल्कि उनकी पार्टी की लीडरशिप की भी खासी किरकिरी हुई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना से इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ पार्टी को जबरदस्त झटका लगा है। बता दें कि 25 मार्च को इमरान खान को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना है। नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने इसके लिए निचले सदन का सत्र बुलाया है।
इमरान खान की मुश्किलें पाकिस्तान के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में इमरान खान को पार्टी के अंदर ही जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनकी ही पार्टी के कई नेता विपक्ष की भाषा बोलकर उनकी पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। पिछले दिनों पीटीआई के संस्थापक ने भी इमरान खान की कड़े शब्दों में आलोचना की थी और उन्हें पद छोड़ने की सलाह दी थी।
पीटीआई में ही फूट पीटीआई के करीब दो दर्जन सांसद उन नेताओं में शुमार हैं, जो लगातार इमरान खान और उनकी नीतियों को लेकर सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। इन नेताओं की बदौलत विपक्ष के हाथ काफी मजबूत हुए हैं। यूरोपीयन टाइम्स की रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि इन असंतुष्ट नेताओं में से कुछ तो इमरान खान से इस कदर खफा है कि उन्होंने अन्य सदस्यों से अपील की है कि वो अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में अपना वोट दें।
सांसदों की खरीद-फरोख्त के आरोप पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व में बनी सरकार के विरोध में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ये अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है। जैसे-जैसे अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दिन नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे पार्टियां एक-दूसरे पर सांसदों की खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगाने में लगी हैं। पीटीआई का आरोप है कि पीपीपी सांसदों को अपने पक्ष में करने के लिए उन्हें खरीद रही है।
नेशनल असेंबली में पीटीआई की स्थिति बता दें कि नेशनल असेंबली की 342 सीटों में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पास 155 सीट हैं। इसके अलावा उसको छह पार्टियों के 23 सांसदों और निर्दलीयों का समर्थन भी हासिल है। पीटीआई का कहना है कि उसके पास सरकार को बचाने के लिए पर्याप्त सांसद मौजूद हैं। मौजूदा समय में पाकिस्तान की राजनीति में जो कुछ दिखाई दे रहा है, वो वर्ष 2018 के मुकाबले काफी अलग है। उस वक्त लोगों को लगता था कि अब देश की राजनीति ने नया मोड़ ले लिया है, लेकिन इमरान खान की सरकार बनने के पहले दिन से ही देश के हालात मुश्किल होते चले गए हैं।