पाकिस्तान में चुनाव में धांधली के आरोप झूठे, जांच समिति ने की कानूनी कार्रवाई की सिफारिश
पाकिस्तान में दो मार्च तक नई सरकार बन जाएगी। मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को बताया गया कि नौ मार्च से पहले राष्ट्रपति चुनाव कराया जा सकता है। नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने सरकार बनाने के लिए समझौता किया है। समझौते के तहत पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनेंगे।
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति ने शुक्रवार को कहा कि रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली द्वारा लगाए गए चुनाव धांधली के आरोप झूठे हैं। जांच समिति की रिपोर्ट रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली द्वारा गुरुवार को यू-टर्न लेने के एक दिन बाद आई है।
एआरवाई न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शुक्रवार को सौंपी गई रिपोर्ट में समिति ने झूठे आरोप लगाने के लिए लियाकत अली के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की। शनिवार को लियाकत अली ने चुनाव परिणामों में हेरफेर के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि गुरुवार को ईसीपी को लिखे पत्र में अपने आरोपों को वापस लेते हुए लियाकत अली ने कहा कि यह सब जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के कारण किया था, क्योंकि पीटीआइ ने उन्हें महत्वपूर्ण पद देने का वादा किया था।
दो मार्च तक बनेगी नई सरकार
पाकिस्तान में दो मार्च तक नई सरकार बन जाएगी। मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को बताया गया कि नौ मार्च से पहले राष्ट्रपति चुनाव कराया जा सकता है। नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने सरकार बनाने के लिए समझौता किया है।
समझौते के तहत पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनेंगे। वहीं पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बनेंगे। सूत्रों के हवाले से द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि नौ मार्च से पहले राष्ट्रपति चुनाव कराने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। दो मार्च तक नई सरकार बन जाएगी।
वर्तमान राष्ट्रपति डा. आरिफ अल्वी का पांच साल का कार्यकाल पिछले साल सितंबर में ही समाप्त हो गया। हालांकि वह अभी भी राष्ट्रपति बने हुए हैं। पीपीपी के वरिष्ठ नेता सीनेटर फारूक ने कहा कि संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव आम चुनाव के 30 दिनों के भीतर होना चाहिए।