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Anti France Protest: कट्टरपंथियों की मांग पर बोले इमरान, फ्रांसीसी दूत का निष्कासन कोई समाधान नहीं

प्रतिबंधित कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के समर्थक मौलाना साद रिजवी की रिहाई और फ्रांस में गत वर्ष प्रकाशित हुए एक कथित कार्टून को लेकर इस देश के राजदूत को पाकिस्तान से निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Manish PandeyEdited By: Updated: Tue, 20 Apr 2021 08:25 AM (IST)
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कट्टरपंथियों ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर 11 पुलिस कर्मियों को बंधक बना लिया था।
इस्लामाबाद, पेट्र। पाकिस्तान की प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) की फ्रांस के राजदूत को निकाले जाने की मांग पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोई समाधान नहीं है। उन्होंने सोमवार को कहा कि पश्चिम में ईशनिंदा की समस्या फ्रांस के राजदूत को निकालने से हल नहीं हो सकती। देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करना केवल अन्य देशों में ईश निंदा की घटनाओं को बढ़ा देगा क्योंकि पश्चिम में वे इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहते हैं।

उन्होंने कहा कि फ्रांस के साथ संबंध टूटने से यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ संबंध प्रभावित होंगे क्योंकि फ्रांस संघ के मुख्य देशों में से है और यूरोपीय संघ फ्रांस के साथ खड़ा होगा। इसके अलावा, पाकिस्तान के लिए कपड़े के निर्यात पर चोट होगी क्योंकि वे सीधे यूरोपीय संघ के लिए किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि टीएलपी और सरकार एक ही उद्देश्य का पालन कर रहे थे कि किसी को भी पैगंबर का अपमान नहीं करना चाहिए लेकिन उनके तरीके अलग थे।

कट्टरपंथियों ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर बनाया था बंधक

पाकिस्तान के लाहौर शहर में बंधक बनाए गए 11 पुलिस कर्मियों को सोमवार को मुक्त करा लिया गया। कट्टरपंथियों ने रविवार को यहां एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर इन पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। प्रतिबंधित कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों ने रविवार को यहां अपने रैली स्थल के समीप स्थित एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। उन्होंने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। वे टीएलपी प्रमुख मौलाना साद रिजवी की रिहाई और फ्रांस में गत वर्ष प्रकाशित हुए एक कथित कार्टून को लेकर इस देश के राजदूत को पाकिस्तान से निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। रिजवी को गत 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

गृहमंत्री शेख राशिद अहमद ने एक वीडियो संदेश में कहा कि रिजवी के समर्थकों ने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। सरकार के साथ सफल बातचीत के बाद इन्हें छोड़ दिया गया। बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों की एक तस्वीर भी जारी की गई, जिसमें दिखाई दिया कि इन पर अत्याचार किया गया था। रिजवी की गिरफ्तारी के बाद टीएलपी समर्थकों ने देशभर के कई शहरों में ¨हसक प्रदर्शन भी किया था। इसमें सात लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक घायल हुए थे।