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इमरान खान को मिली बड़ी राहत, लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत ने आगजनी और हत्या समेत तीन मामलों में दी अंतरिम जमानत

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। लाहौर में आतंकवाद-रोधी अदालत ने आगजनी पुलिस के खिलाफ हिंसा बर्बरता और हत्या से संबंधित तीन मामलों में पीटीआई प्रमुख को अंतरिम जमानत दे दी।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 04 Apr 2023 01:12 PM (IST)
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत ने दी अंतरिम जमानत
इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान के लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत ने आगजनी, पुलिस के खिलाफ हिंसा, तोड़फोड़ और जिले शाह हत्या (Zille Shah Murder) से संबंधित तीन मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान को अंतरिम जमानत दे दी। पाकिस्तान के मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तीन मामलों में अंतरिम जमानत 13 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।

रेस कोर्स पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज 

जियो न्यूज ने बताया कि आतंकवाद विरोधी और सहायता और उकसाने वाले कानूनों के तहत पीटीआई प्रमुख के खिलाफ रेस कोर्स पुलिस स्टेशन में कई मामले दर्ज किए गए थे। खान भारी सुरक्षा के बीच अदालत में उपस्थित हुए।

लाहौर पुलिस ने दर्ज किए मामले

जियो न्यूज ने बताया कि तोशखाना उपहार मामले में इमरान खान को पकड़ने के लिए एक अभियान के दौरान पीटीआई सदस्यों और पुलिस के बीच हुई झड़पों के सिलसिले में लाहौर पुलिस ने खान के खिलाफ ये तीन मामले दर्ज किए थे। इमरान वर्तमान में आतंकवाद, हत्या, हत्या के प्रयास और ईशनिंदा से संबंधित 140 से अधिक मामलों से निपट रहे हैं, जो पीएमएलएन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पिछले 11 महीनों में उनके खिलाफ दर्ज कराए थे। इससे पहले, मार्च में लाहौर हाईकोर्ट ने इसी मामले में खान को सुरक्षात्मक जमानत दी थी और उन्हें इस मामले में संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया था।

इमरान खान को गिरफ्तारी का डर

द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत पहुंचे पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने अंतरिम जमानत की मांग वाली अपनी याचिका में लिखा है कि वह जांच में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन पुलिस द्वारा गिरफ्तारी का डर है। 

पाकिस्तान के पास दो रास्ते- या तो तुर्किये बने या फिर म्यांमार

इससे पहले, सोमवार को पाकिस्तानी सेना पर हमला बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि देश के पास दो रास्ते हैं। वह या तो तुर्किये बने या फिर म्यांमार। इनमें से वह किसे चुनता है, यह देश के लोगों पर निर्भर करता है।

म्यांमार में सेना ने सरकार को अपदस्थ कर किया सत्ता पर कब्जा

म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई आंग सान सू की की सरकार को 2021 में अपदस्थ करते हुए सेना ने कब्जा कर लिया था। वहीं, तुर्किये में वर्ष 2016 में राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की सरकार को गिराने के लिए खूनी सैन्य तख्तापलट को तब नाकाम कर दिया गया, जब लोग सड़कों पर उतर आए थे और शासन परिवर्तन का विरोध किया था।

चुनाव नहीं होने देना चाहती पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख इमरान खान ने कहा कि अस्तित्व में आने के बाद से लगभग आधे समय तक देश पर सेना ने ही शासन किया है। उन्होंने कहा कि अपनी हार की डर से पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज और इनकी सहयोगी पार्टियां न तो आज और न ही अक्टूबर में चुनाव होने देना चाहती है।

इमरान खान की सुरक्षा मामले में हाई कोर्ट ने जवाब मांगा

इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को इमरान खान द्वारा दायर याचिका पर संघीय सरकार से जवाब मांगा, जिसमें उनकी सुरक्षा बहाल करने की मांग की गई थी। गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह की ओर से धमकी भरे बयान के बाद इमरान खान ने याचिका दायर की थी। शीर्ष न्यायाधीश ने सत्र के शुरुआत में पूछा कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री के तौर पर इमरान खान को सुरक्षा से वंचित किया जा रहा है। कोर्ट के सवाल पर वकील ने कहा कि गृह मंत्रालय ने इमरान खान की सुरक्षा को रद कर दिया है।