पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति चुने गए आसिफ अली जरदारी, 11 साल जेल में काटी सजा; इस कारण मिला 'मिस्टर 10 परसेंट' नाम
पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी चुने गए। घोटालों के कारण उन्होंने 11 साल से अधिक समय जेल में बिताया है जो पाकिस्तानी राजनेताओं के मानकों के हिसाब से भी काफी लंबा समय है। इन सभी के बावजूद वह अपने दूसरे कार्यकाल में एक बड़े पैमाने पर औपचारिक पद संभालेंगे। इससे पहले वह 2008 से 2013 तक इस पद रहे थे। संसद में जरदारी को 255 वोट मिले थे।
एएफपी, इस्लामाबाद। पाकिस्तान की दिवंगत पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के विधुर आसिफ अली जरदारी को शनिवार को दूसरी बार देश का राष्ट्रपति चुना गया। जरदारी पर भ्रष्टाचार और अपहरण की बेतुकी साजिशों और ढेर सारे आभूषणों पर रिश्वत लेने सहित कई अन्य आरोप लगे। हालांकि, इन सभी के बावजूद वह अपने दूसरे कार्यकाल में एक बड़े पैमाने पर औपचारिक पद संभालेंगे।
2007 में जरदारी की पत्नी की बम और बंदूक हमले में हत्या कर दी थी। 2008 से 2013 के बीच उन्होंने राष्ट्रपति पद पर संवैधानिक सुधारों की शुरुआत की। घोटालों के कारण उन्होंने 11 साल से अधिक समय जेल में बिताया है, जो पाकिस्तानी राजनेताओं के मानकों के हिसाब से भी काफी लंबा समय है।
इन शर्तों के बाद चुना गया राष्ट्रपति
नव-शपथ ग्रहण करने वाले राष्ट्रीय और प्रांतीय सांसदों और सीनेटरों ने धांधली के दावों के कारण 8 फरवरी के चुनावों के बाद हुए गठबंधन समझौते की शर्तों के तहत उन्हें वोट दिया। समझौते के तहत, जरदारी राष्ट्रपति घोषित किए गए जबकि ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी ने शहबाज शरीफ को देश का प्रधानमंत्री का पद सौंपा गया, जिन्होंने सोमवार को आधिकारिक शपथ ली।'मिस्टर 10 परसेंट' का दिया गया था नाम
जरदारी का जन्म 1955 में दक्षिणी प्रांत सिंध में हुआ था। 2000 में द गार्जियन अखबार के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि एक बच्चे के रूप में, मेरे माता-पिता ने इकलौते बेटे के रूप में मुझे पूरा बिगाड़ दिया था। उन्होंने मेरी हर इच्छा पूरी की। आसिफ जरदारी को मिस्टर टेन (10) प्रतिशत के नाम से जाना जाता है, क्योंकि उन पर सरकारी ठेकों के लिए रिश्वत के रूप में 10% की मांग करने का आरोप है।
प्लेबॉय थे जरदारी?
1983 का स्थानीय सरकार का चुनाव हारने के बाद 1987 में पीपीपी नेता भुट्टो के साथ उनकी अरेंज मैरिज ने उन्हें राजनीतिक सुर्खियों में ला दिया। भुट्टो ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड से स्नातक थीं। वहीं, जरदारी एक विश्वविद्यालय ड्रॉपआउट थे और डिस्को में महिलाओं के साथ झगड़ा करने, पार्टी करने और रोमांस करने के लिए जाने जाते थे। इन कारणों से उन्हें प्लेबॉय भी कहा जाता था। हालांकि, शादी के बाद भुट्टो की टीम ने एक औपचारिक बयान जारी कर इस बात से इनकार किया कि वह एक प्लेबॉय हैं जो दिन में पोलो खेलते हैं और रात में अक्सर डिस्को में जाते हैं।