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पाकिस्तानी जवानों ने बलूच युवक को किया अगवा, अज्ञात जगह पर ले गए; डर के साए में परिजन

बलूचिस्तान में लगातार पाकिस्तानी हमले हो रहे हैं। हाल ही में बलूचिस्तान के कलात जिले से एक बलूच युवक को हिरासत में लिया है और उसे एक अज्ञात स्थान पर ट्रांसफर कर दिया है। बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ये जानकारी सामने आई है। परिवार ने पुष्टि की कि उसे 18 अगस्त को हिरासत में लिया गया था और तब से उसका ठिकाना अज्ञात बना हुआ है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sat, 24 Aug 2024 04:06 PM (IST)
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पाकिस्तानी सेना ने बलूच युवक को अपहरण में लिया (फाइल फोटो)

एएनआई, क्वेटा। पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने कथित तौर पर बलूचिस्तान के कलात जिले से एक बलूच युवक को हिरासत में लिया है और उसे एक अज्ञात स्थान पर ट्रांसफर कर दिया है। बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार ये जानकारी सामने आई है।

द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, युवक की पहचान खलीकाबाद के निवासी डॉक्टर जहूर अहमद लंगोवा के बेटे सरफराज अहमद के रूप में हुई है, जिसे पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने कलात जिले के मंगुचर बलूचिस्तान में जोहान क्रॉस पर हिरासत में लिया है।

पीड़ित परिवार ने पाकिस्तान अधिकारियों से की अपील

टीबीपी की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरफराज के परिवार ने पुष्टि की कि उसे 18 अगस्त को हिरासत में लिया गया था और तब से, उसका ठिकाना अज्ञात बना हुआ है। पीड़ित परिवार ने उसके लिए गहरी चिंता व्यक्त की और पाकिस्तान अधिकारियों से उसे बिना शर्त रिहा करने का आग्रह किया।

मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ आवाज उठाने वाले बलूच कार्यकर्ताओं पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा कथित तौर पर जबरन गायब किए जाने और अत्याचार के बीच यह अपहरण हुआ है।

इस महीने की शुरुआत में नजर अली बुगती के बेटे बंदा खान को क्वेटा के सैटेलाइट टाउन इलाके से पकड़ा गया था। कथित तौर पर उन्हें बुगती के घर के पीछे एक मस्जिद से निकलने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया, जहां वह नमाज अदा कर रहे थे। तब से, उसका ठिकाना अज्ञात बना हुआ है।

बलूचिस्तान में अक्सर गायब होते हैं निर्दोष लोग

बलूचिस्तान में, निर्दोष बलूच व्यक्तियों को जबरन गायब किया जाना इस क्षेत्र का एक प्रमुख मुद्दा है। कई बलूच कार्यकर्ताओं, नेताओं और मानवाधिकार समूहों ने आलोचना की है कि इस तरह से लोगों का गायब होना एक सामूहिक सजा हैं। उनका दावा है कि इस तरह की कार्रवाई से न केवल व्यक्ति प्रभावित होता है बल्कि उनके परिवारों को भी काफी परेशानी होती है।

बलूचिस्तान से गायब होने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी

वॉयस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स (वीबीएमपी) जैसे मानवाधिकार संगठन इन तरह के कार्यों को समाप्त करने और लापता लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए एक दशक से अधिक समय से अभियान चला रहे हैं। वीबीएमपी के मुताबिक, बलूचिस्तान से हजारों लोग लापता हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

बलूचिस्तान के ये क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित

बलूचिस्तान के जो क्षेत्र गायब होने से सबसे अधिक प्रभावित हैं उनमें क्वेटा, केच, मशके और अवारान शामिल हैं।जुलाई में, कई व्यक्तियों के लापता होने की सूचना मिली थी और अपहरण को लागू करना "मार डालो और डंप करो" नीति के रूप में जानी जाने वाली प्रवृत्ति का हिस्सा है। 

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