पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत क्यों रहता है अशांत? पढ़ें आजादी से लेकर अब तक की पूरी कहानी
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है लंबे समय से ब्लूच के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं। बलूचिस्तानी एक अलग देश की मांग कर रहे हैं। इस प्रांत के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान ने हमेशा उससे भेदभाव किया। बलूच लोगों की एक अलग संस्कृति है जो उन्हें पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से अलग करती है। अब आपको आगे इसका पूरा इतिहास बताते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के अशांत प्रांत ब्लूचिस्तान में आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। हाल ही में बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 130 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है। ब्लूचिस्तान में अक्सर पंजाबियों को क्यों निशाना बनाया जाता है, आए दिन ब्लूचिस्तान में इतने हमले क्यों होते हैं। इसका जवाब पाकिस्तान के इतिहास से जुड़ा है।
भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने से चार दिन पहले बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र देश घोषित किया गया था और 1947 में पाकिस्तान को एक अलग राष्ट्र के रूप में बनाया गया था। इससे भी अधिक विडंबना यह थी कि बलूचिस्तान के शासक खान के मामले की पैरवी करने वाले वकील मुहम्मद अली जिन्ना थे। मीर अहमद यार खान, जिन्हें अंग्रेजों से पहले कलात के खान के नाम से भी जाना जाता था। बता दें कि बलूचिस्तान केवल 227 दिनों तक ही स्वतंत्र राष्ट्र रह सका।
पंजाबियों को बनाया जाता निशाना
बलूचिस्तान में अब उथल-पुथल मची हुई है। सोमवार को इसने वैश्विक सुर्खियां बटोरीं, जब अलग-अलग आतंकी हमलों में कई लोग मारे गए, क्योंकि बलूच आतंकवादियों ने एक जातीय विद्रोह की साजिश में पाकिस्तानी पंजाबियों को निशाना बनाया। सोमवार देर रात, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा नागरिकों की हत्याओं का बदला लेने की कसम खाने के बाद सुरक्षा बलों ने कम से कम 21 बलूच आतंकवादियों को मार डाला।
क्या है बलूचिस्तान का इतिहास?
लगभग एक महीने तक बलूचिस्तान में राजनीतिक अशांति की नई लहर के बाद आतंकवादी हमले हुए। कम से कम 27 जुलाई से, बलूचिस्तान बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) और पाकिस्तान सरकार के नेतृत्व वाले प्रदर्शनकारियों के बीच जारी गतिरोध को लेकर तनावपूर्ण है। सरकार की भारी कार्रवाई के बावजूद विरोध मार्च, रैलियां, प्रदर्शन और धरने बेरोकटोक जारी हैं।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जो इसके भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 44% हिस्सा है। यह प्राकृतिक संसाधनों - तेल, सोना, तांबा और अन्य खदानों से समृद्ध है, जिससे पता चलता है कि चीन ने इस प्रांत में विशेष रुचि क्यों दिखाई है। यह पाकिस्तान के राजस्व के प्राथमिक स्रोतों में से एक है, लेकिन ये अभी तक का सबसे कम विकसित क्षेत्र बना हुआ है। लंबे समय से ब्लूच के लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं। बलूचिस्तानी एक अलग देश की मांग कर रहे हैं। इस प्रांत के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान ने हमेशा उससे भेदभाव किया।
बलूच लोगों की एक अलग संस्कृति है जो उन्हें पाकिस्तान के बाकी हिस्सों से अलग करती है और उन्हें ईरान के सिस्तान प्रांत में सीमा पार रहने वाले लोगों के करीब करती है। भारत पर ब्रिटिश शासन के दौरान यह क्षेत्र ईरान और आधुनिक पाकिस्तान के बीच विभाजित हो गया।