जानें- पाकिस्तान की राजनीति वो कुछ बड़े मुद्दे जिनकी चुनावी बिसात पर भी सुनाई देगी धमक
पाकिस्तान में भले ही चुनावों की घोषणा न हुई हो लेकर देर-सवेर ये हो ही जाएगी। इसको देखते हुए पीटीआई और पीएमएल-एल के पास कुछ बड़े मुद्दे चुनाव में जनता के पास ले जाने के लिए होंगे जिनकी गूंज कुछ समय तक कायम रहेगी।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। पाकिस्तान की राजनीति में बीते कुछ समय से जिस तरह से लीक आडियो ने दस्तक दी है उसको देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि ये दस्तक लंबे समय तक सुनाई देने वाली है। फिलहाल लीक आडियो ने सभी दूसरे मुद्दों को पीछे कर दिया है। चाहे वो देश में बाढ़ पीडि़तों की मदद की बात हो या फिर बढ़ती महंगाई का मुद्दा या देश में व्याप्त बेरोजगारी का मुद्दा हो सभी इसके सामने कमजोर साबित हो रहे हैं।
इमरान खान ने की शुरुआत
इसकी शुरुआत भले ही इमरान खान की तरफ से हुई थी, लेकिन बाद में सरकार ने जितनी तेजी से इस मामले में इमरान खान पर हमला किया उसने पीटीआई प्रमुख को सकते में ला दिया। लीक आडियो के मामले में बैकफुट पर आए इमरान खान को आखिर कहना ही पड़ा कि पीएम आफिस से आडियो का लीक होना सुरक्षा एजेंसियों की चूक का नतीजा है। हालांकि इमरान खान अब भी रह-रहकर अपनी रैलियों में पीएम शहबाज की उस आडियो क्लिप का जिक्र करना नहीं भूलते हैं जिसमें मरियम नवाज के दामाद का जिक्र किया गया है। अपनी लगभग पिछली हर रैली में इमरान खान ने इस आडियो क्लिप का जिक्र किया है।
चुनावी बिसात पर छाए रहेंगे ये मुद्दे
इमरान खान की रैलियों की ही बात करें तो इनमें कुछ मुद्दे हर बार उठाए जाते हैं। इनमें से एक आडियो क्लिप है तो दूसरा पाकिस्तान चुनाव आयोग के प्रमुख को बर्खास्त करने की मांग है, तीसरा मुद्दा देश की इंपोर्टेड सरकार है। ये मुद्दे यूं ही नहीं उठाए जा रहे है बल्कि देश में होने वाले आम चुनाव में इनकी धमक भी खूब सुनाई देने वाली है। सरकार जिन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी उनमें, इमरान खान के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का मुद्दा, तोशेखाना का मुद्दा, देश की माली हालत का मुद्दा भी शामिल होगा।
एक फैसला बदल देगा राजनीति
देश में भले ही सरकार की तरफ से चुनावों का ऐलान नहीं किया गया हो, लेकिन ये तय है कि अगले वर्ष तक ये चुनाव हर हाल में करवा लिए जाएंगे। ऐसे में देश की राजनीति में तोशेखाना मामला एक नया आकार देने के लिए तैयार है। इस मामले में चुनाव आयोग का फैसला आते ही काफी कुछ चीजों के बदलने की संभावना है। यदि ये फैसला इमरान खान के हक में आया, जिसकी उम्मीद काफी कम है तो भी इमरान खान के तेवर चुनाव आयोग पर कम नहीं होंगे। उस वक्त वो इसको सरकार पर जीत के तौर पर लेकर जनता के सामने जाएंगे।