पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में व्यक्ति की निर्मम हत्या, हिंसक भीड़ ने निर्वस्त्र कर आरोपी को बेरहमी से मारा
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब के पुलिस थाने में हिंसक भीड़ ने एक आरोपी को बेहरहमी से पीट पीट कर मौते के घाट उतार डाला। हिसंक लोगों ने उसे ईशनिंदा कानून का उल्लंघन करने पर निर्वस्त्र कर बेहरमी से पीटा था। (फोटो- एएनआई)
इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब में हिंसक भीड़ उग्र हो गई। उन्होंने शनिवार को एक पुलिस थाने का घेराव किया। जिसके बाद हिंसक भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी है। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस वीडियो में देखा जा रहा है कि सैकड़ों युवक पुलिस परिसर को घेर रहे हैं जिसके बाद एक व्यक्ति ने सीड़ी का उपयोग करके एक लंबे गेट को फांद कर उसका ताला खोल लिया और ईशनिंदा के आरोप में जेल में बंद व्यक्ति को घसीट लिया। जिसके बाद हिंसक भीड़ ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।
निर्वस्त्र कर आरोपी को बेरहमी से पीटा
इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान में अधिकतर धर्म से जुड़ी घटनाएं होती है। लेकिन यह लगातार बढ़ती जा रही है। पुलिस थाने से हिंसक भीड़ ने एक व्यक्ति को पुलिस की गिरफ्त से बाहर निकाल लिया और उसके कपड़े उतारते हुए उसे डंडों और धातु की छड़ों से बेरहमी से पीटा। जिससे उस व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उस व्यक्ति को हिंसक भीड़ इसलिए पीट रही थी क्योंकि उसे ईशनिंदा के आरोप में सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। वह सभी व्यक्ति को घसीटते हुए सड़क पर ले गए और उसे निर्मम तरीके से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था।
आरोपी पवित्र पुस्तक पर पूर्व पत्नी की फोटो लगाकर करता था जादू टोना
हिंसक भीड़ को देखकर पुलिस ऑफिसर भी सहम गए थे और उन्होंने भीड़ को रोकने की भी कोशिश नहीं की थी। रिपोर्ट के मुताबिक स्टेशन हाउस ऑफिसर वारबर्टन फिरोज भट्टी और अन्य पुलिसकर्मी अपनी जान को बचाने के लिए घटनास्थल से फरार हो गए थे। स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक इलाके के लोगों ने दावा किया कि 2 साल जेल में बिताने के बाद घर लौटा व्यक्ति पवित्र पुस्तकों पर अपनी पूर्व पत्नी की तस्वीर चिपका कर जादू टोना करता था।
कुरान का अपमान करने पर मिली मौत की सजा
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मोहम्मद वारिस के रूप में पहचाने जाने वाले पीड़ित को कथित तौर पर कुरान का अपमान करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के द्वारा कुरान का अपमान करने से उसने वहां के निवासियों को नाराज कर दिया था और उनमें से सैकड़ों लोगों ने बाद में थाने का घेराव किया और आरोपियों को उन्हें सौंपने की मांग की थी। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक ईशनिंदा एक अपराध है जिसका उल्लघंन करने पर व्यक्ति को मौत की सजा भी हो सकती है।
यह भी पढे़- पीएम मोदी डीवीएम एक्सप्रेस-वे के अलीपुर से दौसा भाग का आज करेंगे शुभारंभ, दो से ढाई घंटे में तय होगी दूरी
शाहबाज शरीफ ने की घटना की कड़ी निंदा
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। साथ ही उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस हिंसक भीड़ को रोकने में क्यों विफल रही। उन्होंने पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक को जिले में कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।शरीफ ने कहा, कानून का शासन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। किसी को भी कानून को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार संस्थानोंकी पहली प्राथमिकता शांति है और यह हमेशा पहले आनी चाहिए।
2021 में श्रीलंकाई नागरिक को भी ईशनिंदा के आरोप में की थी हत्या
पंजाब के आईजीपी उस्मान अनवर ने ननकाना सर्कल के डीएसपी नवाज विर्क और वारबर्टन के एसएचओ फिरोज भट्टी को सेवा से निलंबित कर दिया। दिसंबर 2021 में भी पंजाब के सियालकोट शहर में हिंसक भीड़ ने इसी तरह की घटना को अंजाम दिया था। वहां के लोगों ने एक स्थानीय कारखाने में प्रबंधक के रूप में काम करने वाले श्रीलंका के व्यक्ति पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर उसे मार डाला था। इस घटना की व्यापक निंदा हुई थी। लाहौर की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने श्रीलंकाई नागरिक पिरयांथा कुमारा की पीट-पीटकर हत्या के मामले में शामिल 88 संदिग्धों को सजा सुनाई थी। उनमें से छह को मौत की सजा सुनाई गई थी।
यह भी पढे़- Turkiye Syria Earthquake: तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 28,000 से अधिक - रिपोर्ट