इमरान को भारी पड़ रही चीन की दोस्ती, पाकिस्तान में फिर हो सकता है ब्लैकआउट, बिजली क्षेत्र को जमकर लूट रहा ड्रैगन
पाकिस्तान के सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसीपी) के एक पूर्व अध्यक्ष मुहम्मद अली की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पॉवर सेक्टर में चीन की अवैध मुनाफाखोरी के चलते ही पाकिस्तान में ब्लैकआउट हो रहे हैं...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 23 Jan 2021 12:59 AM (IST)
पेशावर, एएनआइ। पाकिस्तान को चीन की दोस्ती अब भारी पड़ने लगी है। इस दोस्ती का पहला खामियाजा पाकिस्तान के बिजली क्षेत्र को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल, चीन ने पाकिस्तान में बिजली की मांग और वितरण व्यवस्था पर ध्यान दिए बगैर विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए अरबों रुपये का निवेश कर दिया। परियोजनाएं अभी पूरी हुई नहीं हैं फिर भी चीनी कंपनियां जमकर मुनाफा वसूल रही हैं। आलम यह है कि तंगहाल पाकिस्तान पर कर्ज वापसी का बोझ बढ़ता जा रहा है। साथ में ब्लैक आउट जैसे संकटों का सामना भी करना पड़ रहा है।
फिर हो सकता है ब्लैकआउटएशिया टाइम्स (Asia Times) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आगे भी पाकिस्तान के पॉवर सेक्टर (Pakistan Power Sector) को ऐसे गंभीर संकटों का सामना करना पड़ सकता है। इस ब्लैकआउट के लिए चीन की कंपनियों को जिम्मेदार ठहराने से भी पाकिस्तान बच रहा है। हाल ही में विद्युत मूल्य में 1.95 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी इसी संकट से निपटने के लिए की गई है।
विद्युत क्षेत्र पर कब्जा कर चुका है ड्रैगन पाकिस्तान सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन के पूर्व चेयरमैन मुहम्मद अली की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय ने देश की विद्युत व्यवस्था पर हाल ही में रिपोर्ट दी है। उसमें बताया गया है कि चीन की कंपनियों ने विद्युत उत्पादन व्यवस्था पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और वे 50 से 70 फीसद के बड़े मुनाफे पर काम कर रही हैं। इसके चलते पाकिस्तान का विद्युत क्षेत्र पूरी तरह से चीन का बंधक बन गया है।
ऐसे चल रहा चीनी कंपनियों का खेल एशिया टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हुआनेंग शानडोंग रुई एनर्जी नाम की चीन की कंपनी ने पंजाब में कोयले पर आधारित 1,320 मेगावाट की साहीवाल परियोजना स्थापित की है। इस कंपनी ने तीन साल के भीतर अपनी निवेशित लगभग सारी रकम सरकार से ले ली जबकि परियोजना शुरू से ही घाटे में है।30 अरब डॉलर का होना है निवेश
चीन ने पाकिस्तान के विद्युत क्षेत्र के लिए 30 अरब डॉलर (2.20 लाख करोड़ भारतीय रुपये) का निवेश निर्धारित किया है। यह धन चाइना-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर परियोजना के तहत खर्च किया जाना है। इसके तहत पाकिस्तान में 27 विद्युत परियोजनाएं स्थापित की जानी हैं जिनकी कुल क्षमता 12,000 मेगावाट होगी। 27 विद्युत परियोजनाएं इन 27 विद्युत परियोजनाओं में 14 कोयले पर आधारित, छह हवा से चलने वाली और छह पनबिजली परियोजनाएं होंगी। इनमें से 16 परियोजनाएं सिंध की, चार पंजाब की, दो बलूचिस्तान और एक खैबर पख्तूनवा प्रांत की है। इनके अतिरिक्त चीन पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में दो विद्युत परियोजनाएं और गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में दो परियोजनाएं पर कार्य कर रहा है।
बिजली मूल्य बढ़ाने पर भड़का विपक्षपाकिस्तान में बिजली मूल्य में प्रति यूनिट 1.95 रुपये की वृद्धि पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरयम नवाज ने इमरान सरकार को घेरा है। कहा है कि यह सरकार जनता के वोटों से जीती नहीं है इसलिए उसे लोगों के दुख-दर्द से मतलब नहीं है। इसीलिए महंगाई से जूझ रही आम जनता पर महंगी बिजली का बोझ बढ़ा दिया गया है।