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'पाकिस्तान हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए', चीन ने पाक को फिर हड़काया

चीनी नागरिकों पर छह महीने के भीतर पाकिस्तान में हुए दो घातक हमलों का मुद्दा चीन ने पाकिस्तान के सामने उठाया है। राजदूत जियांग ने कहा कि ये हमले अस्वीकार्य है। उन्होंने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। बीजिंग को उम्मीद है कि पाकिस्तानी पक्ष चीनी कर्मियों संस्थानों और परियोजनाओं के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत कर सकता है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 31 Oct 2024 05:45 AM (IST)
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पाकिस्तान हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए- चीन
 एएनआइ, इस्लामाबाद। चीनी नागरिकों पर छह महीने के भीतर पाकिस्तान में हुए दो घातक हमलों का मुद्दा चीन ने पाकिस्तान के सामने उठाया है। पाकिस्तान में चीनी राजदूत जियांग जैंदोंग ने कहा कि सभी चीन विरोधी आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आतंकवादियों ने मार्च और अक्टूबर में चीनी नागरिकों को निशाना बनाया।

पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले अस्वीकार्य

राजदूत जियांग ने कहा कि ये हमले अस्वीकार्य है। उन्होंने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। जियांग ने कहा कि इन हमलों के कारण कई मौतें हुई हैं। बीजिंग को उम्मीद है कि पाकिस्तानी पक्ष चीनी कर्मियों, संस्थानों और परियोजनाओं के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत कर सकता है।

राजदूत की टिप्पणी पाकिस्तान चीन इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित सेमिनार के दौरान आई, जहां उप प्रधानमंत्री इशाक डार भी मौजूद थे। इस दौरान डार ने बीजिंग को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने से रोकने की रणनीति के लिए अमेरिका की आलोचना की।

भारत-चीन सीमा से सैनिकों की वापसी से द्विपक्षीय संबंध बेहतर होने की उम्मीद : चीनी राजदूत

भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने बुधवार को उम्मीद जताई कि पूर्वी लद्दाख से लगती भारत-चीन सीमा से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी पूरी होने से रिश्तों को बेहतर करने और आने वाले दिनों में दोनों पड़ोसियों के बीच बेहतर समझ बनाने में मदद मिलेगी।

चीनी राजनयिक ने यहां वाणिज्यिक संगठन मर्चेंट चेंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआइ) द्वारा आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई हालिया बैठक बहुत महत्वपूर्ण थी।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतभेदों को कैसे दूर किया जाए

राजदूत ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में दोनों नेताओं के बीच यह पहली औपचारिक वार्ता थी, जिसमें महत्वपूर्ण सहमति बनी तथा दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों के आगे बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए। पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की वापसी से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वहां जल्द ही सेना की गश्त शुरू होने की उम्मीद है। मुझे उम्मीद है कि इस आम सहमति के आलोक में भविष्य में संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों के बीच संबंध विशिष्ट असहमतियों के कारण सीमित या बाधित नहीं होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतभेदों को कैसे दूर किया जाए।

भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक

राजदूत ने कहा कि चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है और द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब अमेरिकी डालर से अधिक हो गया है। इस वर्ष भारत में चीनी दूतावास और वाणिच्य दूतावासों ने 2.4 लाख वीजा जारी किए हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत बिजनेस वीजा थे।

उन्होंने कहा कि चीनी उत्पादों पर कर और प्रतिबंध लगाना भारत में डाउनस्ट्रीम उद्योगों के विकास और उपभोक्ताओं के हितों के लिए अनुकूल नहीं है। भारत और चीन के बीच संबंध दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक है। जब भारत और चीन सहयोग के लिए हाथ मिलाएंगे, तो इससे दोनों देशों के साथ-साथ पूरे एशिया और पूरे विश्व को लाभ होगा।