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पाकिस्तान में अपनी सेना तैनात करेगा चीन, पहले किया विरोध... जिनपिंग ने दिखाई आंख तो ढीले पड़े शहबाज

पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर लगातार हो रहे हमलों ने शी जिनपिंग सरकार की चिंता बढ़ा दी। पाकिस्तान की सेना भी चीन नागरिकों को सुरक्षित नहीं रख पा रही है। पहले तो चीन ने पाकिस्तान पर सख्त सुरक्षा करने का दबाव डाला। मगर बात नहीं बनी तो सीधे अपनी सेना तैनात करने का प्रस्ताव रखा। शुरूआत में पाकिस्तान ने इसका विरोध किया।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Wed, 02 Oct 2024 02:12 PM (IST)
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शहबाज शरीफ और शी जिनपिंग। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की तैनाती होगी। जल्द ही इस दिशा में पाकिस्तान और चीन एक समझौता करने जा रहे हैं। चीन का मानना है कि पाकिस्तान चीनी नागरिकों की सुरक्षा करने में सक्षम नहीं है। वह चाहता है कि पीएलए पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा करे। पाकिस्तान में पिछले कुछ समय में चीनी नागरिकों को निशाना बनाकर कई हमलों को अंजाम दिया गया है। इससे शी जिनपिंग सरकार की चिंता बढ़ गई है।

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बख्तरबंद गाड़ी में घूमेंगे चीनी नागरिक

समझौते के मुताबिक पाकिस्तान में अब चीनी नागरिकों को बख्तरबंद वाहनों से परिवहन की सुविधा प्रदान की जाएगी। बता दें कि मौजूदा समय में हजारों की संख्या में चीनी नागरिक पाकिस्तान में काम कर रहे हैं। मगर लगातार उन पर हो रहे हमलों ने दोनों देशों की चिंता बढ़ा दी है। पहले पाकिस्तान ने चीनी सेना की तैनाती का विरोध किया है। मगर चीन के भारी दबाव की वजह से शहबाज सरकार को झुकना पड़ा।

बीएलए ने बढ़ाई चीन की चिंता

चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा निवेशक है। पाकिस्तान में अरबों डॉलर की चीनी परियोजनाएं विद्रोहियों निशाने पर हैं। चीन को सबसे बड़ा खौफ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) का है। बीएलए कई बार चीनी नागरिकों पर हमला कर चुका है। यहां तक बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर पोर्ट को खाली करने की चेतावनी तक दे चुका है। मगर चीन ने इस पोर्ट पर भारी भरकम निवेश किया है। यह पोर्ट 50 बिलियन डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का हिस्सा है।

ऐसे होगी चीनी नागरिकों की सुरक्षा

चीन ने पाकिस्तान को चीनी नागरिकों की सुरक्षा सख्त करने को कहा। इसके बावजूद जब हमले नहीं रोके तो चीन ने अपनी सेना तैनात करने का निर्णय लिया। चीन और पाकिस्तान संयुक्त सुरक्षा कंपनी की स्थापना करेंगे। समझौते के मुताबिक चीनी नागरिकों की सुरक्षा के पहले घेरे में शी जिनपिंग की सेना तैनात होगी। इसके बाद बाहरी घेरे में पाकिस्तान की सेना और पुलिस तैनात होगी।

चीन के आगे क्यों झुका पाकिस्तान?

निक्केई एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में चीन ने पाकिस्तान से चीनी नागरिकों की सुरक्षा स्वयं की सेना से करने की अनुमति मांगी थी। मगर पाकिस्तान ने उसकी इस मांग को ठुकरा दिया। इस बीच कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज की मांग की। मगर सफलता नहीं मिली। इसके बाद चीन ने अधिक निवेश का प्रस्ताव दिया। मगर शर्त यह रख दी कि चीन की सेना की तैनाती पाकिस्तान में की जाएगी। चीन के इस प्रस्ताव के आगे पाकिस्तान को झुकना पड़ा।

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