फलस्तीन समस्या पर पाक राष्ट्रपति के एक राष्ट्र फार्मूले से विवाद, कार्यवाहक सरकार ने बनाई दूरी; बयान को लेकर इस्तीफे की मांग
मूल प्रेस विज्ञप्ति में अल्वी के हवाले से कहा गया कि यदि दो-राष्ट्र समाधान इजरायल को स्वीकार्य नहीं था तो एक-राष्ट्र समाधान ही एकमात्र तरीका था। जहां यहूदी मुस्लिम और ईसाइयों का अच्छा प्रतिशत समान राजनीतिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए रह सकता था। लगभग सभी न्यूज चैनलों ने राष्ट्रपति के बयान को चलाया। विवाद को देखते हुए राष्ट्रपति कार्यालय ने बाद में प्रेस विज्ञप्ति को वापस ले लिया।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 22 Nov 2023 10:12 PM (IST)
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने फलस्तीन समस्या पर 'एक राष्ट्र समाधान' की बात कह विवाद को जन्म दे दिया। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने अल्वी के बयान से दूरी बना ली और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की।
हालांकि, टिप्पणी पर तूफान खड़ा होने पर कुछ ही घंटे में राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान वापस ले लिया। राष्ट्रपति कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया जिसमें फलस्तीनी समकक्ष महमूद अब्बास के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान ''एक-राष्ट्र समाधान'' के सुझाव के लिए राष्ट्रपति अल्वी का हवाला दिया गया।
सभी न्यूज चैनलों ने राष्ट्रपति के बयान को चलाया
मूल प्रेस विज्ञप्ति में अल्वी के हवाले से कहा गया कि यदि दो-राष्ट्र समाधान इजरायल को स्वीकार्य नहीं था, तो एक-राष्ट्र समाधान ही एकमात्र तरीका था। जहां यहूदी, मुस्लिम और ईसाइयों का अच्छा प्रतिशत समान राजनीतिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए रह सकता था। लगभग सभी न्यूज चैनलों ने राष्ट्रपति के बयान को चलाया। विवाद को देखते हुए राष्ट्रपति कार्यालय ने बाद में प्रेस विज्ञप्ति को वापस ले लिया और एक नई प्रेस विज्ञप्ति जारी की।विवादास्पद प्रस्ताव का कोई उल्लेख नहीं
इसमें विवादास्पद प्रस्ताव का कोई उल्लेख नहीं था। कार्यावाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने मंगलवार को राष्ट्रपति अल्वी के फलस्तीन समस्या के एक राष्ट्र समाधान के प्रस्ताव को इस मुद्दे पर देश के सैद्धांतिक और ऐतिहासिक रुख के अनुरूप नहीं बताया। जिलानी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से दो राष्ट्र समाधान का हिमायती रहा है।यह भी पढ़ें- Pakistan News: इमरान खान को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, शीर्ष अदालत ने साइफर मामले में जमानत याचिका की स्वीकार