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Gwadar Protest: पाकिस्तान के ग्वादर में कर्फ्यू, मोबाइल नेटवर्क भी निलंबित: रिपोर्ट

Gwadar Protest ग्वादर पुलिस ने हक दो तहरीक के नेता मौलाना हिदायत उर रहमान के खिलाफ हत्या हत्या के प्रयास लोगों को हिंसा के लिए उकसाने और अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है। ग्वादर बंदरगाह के मुख्य द्वार के बाहर पिछले 50 दिनों से धरना दिया जा रहा है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 14 Jan 2023 06:47 PM (IST)
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ग्वादर बंदरगाह के मुख्य द्वार के बाहर पिछले 50 दिनों से धरना दिया जा रहा है।
इस्लामाबाद, एएनआई। स्थानीय अधिकारों के आंदोलन पर कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के ग्वादर में कर्फ्यू लगाया गया है। बलूचिस्तान सरकार ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी है जो सभी प्रकार की रैलियों और विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देती है। अधिकारियों ने मकरान डिवीजन के ग्वादर, जेवानी, पासनी और ओरमारा शहरों में इंटरनेट सेवा, मोबाइल फोन नेटवर्क और लैंडलाइन को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने कथित तौर पर आंदोलन के 100 से अधिक समर्थकों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, समाचार रिपोर्ट के अनुसार, ग्वादर पुलिस ने हक दो तहरीक के नेता मौलाना हिदायत उर रहमान के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, लोगों को हिंसा के लिए उकसाने और अन्य आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है।

50 दिनों से चल रहा धरना

ग्वादर बंदरगाह के मुख्य द्वार के बाहर पिछले 50 दिनों से अधिक समय से धरना दिया जा रहा है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में विरोध हिंसक हो गया, जिसके कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। बलूचिस्तान में हक दो तहरीक नेता मौलाना हिदायत उर रहमान बलूच के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य हवाई अड्डे की सड़क और बंदरगाह की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया। अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना ने चीनियों को बंदरगाह शहर छोड़ने के लिए भी कहा था। मौलाना हिदायत उर रहमान बलूच ने ग्वादर में कड़ी सुरक्षा और जांच चौकियों की आलोचना की है।

मौलाना हिदायत उर रहमान बलूच ने ग्वादर बंदरगाह के मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर दिया और चीनी नागरिकों को बंदरगाह शहर छोड़ने के लिए कहा, और तब तक धरना शांतिपूर्ण था। रहमान और उनके अनुयायी हथियारों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और उनकी मांगों को नहीं माने जाने पर सशस्त्र प्रतिरोध की धमकी दी। 2021 में, मौलाना हिदायत उर रहमान बलूच ने इसी तरह के विरोध का नेतृत्व किया जो 32 दिनों तक चला। कुछ सुधार हुआ, लेकिन कई समस्याएं जस की तस बनी रहीं।

अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 27 अक्टूबर, 2022 को रहमान और उनके अनुयायियों ने एक और धरना देना शुरू किया और अपनी प्रतिबद्धता पर काम नहीं करने के लिए सरकार की आलोचना की। महिलाओं और बच्चों सहित हजारों प्रदर्शनकारियों ने ग्वादर बंदरगाह की ओर जाने वाले एक एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध कर दिया क्योंकि सरकार ने समय सीमा से पहले मांगों को पूरा नहीं किया। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर में विरोध प्रदर्शन जारी रहा और 26 दिसंबर को हड़ताल के आह्वान के बाद स्थिति खराब हो गई, क्योंकि पुलिस और प्रदर्शनकारियों में आमना-सामना हुआ।

चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव

ग्वादर को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य माना जाता है और इसे व्यापक रूप से चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के मुख्य आधार के रूप में देखा जाता है। बलूचिस्तान के स्थानीय निवासी लंबे समय से किसी भी लाभ और भुगतान से वंचित हैं। अल अरबिया पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हक दो तहरीक बलूचिस्तान के पानी में अवैध ट्रॉलरों पर प्रतिबंध, सुरक्षा चौकियों में कमी और ईरान के साथ व्यापार के उदारीकरण सहित विभिन्न मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

YouTubers, TikTokers पर पाकिस्तान में  प्रतिबंध

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वही दूसरी तरफ पाकिस्तान के डॉन न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान के नेशनल असेंबली सचिवालय ने पाकिस्तानी संसद भवन के परिसर में YouTubers, TikTokers और अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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