Move to Jagran APP

Pakistan Floods : पाकिस्तान में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़ी, 25 बच्चों की मौत के साथ कुल 57 लोगों की गई जान

Pakistan Floods पाकिस्तान में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। विनाशकारी बाढ़ से मरने वालों की संख्या में शनिवार को भी बढ़ोतरी दर्ज की गई जिसमें 57 और मौतें हुई हैं। मरने वाले लोगों में 25 मासूम बच्चे भी शामिल हैं।

By Ashisha Singh RajputEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 04:26 PM (IST)
Hero Image
पाकिस्तानी बाढ़ का कहर मासूम बच्चों पर भी बरस रहा है।
कराची, एजेंसी। ‌पाकिस्तान बाढ़ के महा प्रकोप का सामना कर रहा है। देश में चारों तरफ बाढ़ के पानी से त्राहि-त्राहि मची हुई है। इस कहर से जान-माल सभी को बुरी क्षति पहुंच रही है। वहीं इस विनाशकारी बाढ़ से मरने वालों की संख्या शनिवार को 57 रिपोर्ट की गई, जिनमें से 25 बच्चे हैं। देश में राहत और बचाव अभियान जारी है।

आपदा का जायजा

देश में बाढ़ का कहर बरप रहा है। ऐसे में आपदा का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में पहली बार, शनिवार को इस्लामाबाद में मिले राहत प्रयासों के समन्वय के लिए एक उच्च स्तरीय निकाय का गठन किया गया है।

समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, उत्तरी पहाड़ों में रिकॉर्ड मॉनसून बारिश और पिघलने वाले ग्लेशियर बाढ़ की वजह बने, जिससे अबतक 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए और 441 बच्चों सहित कम से कम 1,265 लोग मारे गए हैं। जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार यह विनाशकारी बाढ़ अभी भी फैल रही है।

यूनिसेफ ने जताई चिंता

पाकिस्तानी बाढ़ का कहर मासूम बच्चों पर भी बरस रहा है। बच्चों की मौत के अनुपात ने चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी (यूनिसेफ) ने शुक्रवार को कहा कि बाढ़ के बाद बीमारी से कई और बच्चों की भी मौत का खतरा है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख ने बताया

आपदा प्रबंधन प्रमुख ने दक्षिण एशियाई राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर प्रकाश डाला गया।‌ इस उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि देश के एक तिहाई हिस्से में आई बाढ़ से पहले चार हीटवेव और कई उग्र जंगल की आग लगी थी।

  • वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख लेफ्टिनेंट-जनरल अख्तर नवाज ने देश के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक ब्रीफिंग में कहा, 'वर्ष 2022 पाकिस्तान के लिए जलवायु परिवर्तन की कुछ कठोर वास्तविकताएं लेकर आया।'
  • उन्होंने में आगे कहा, 'इस साल हमने वसंत का मौसम नहीं देखा। हमने चार हीटवेव का सामना किया, जिससे देश भर में बड़े पैमाने पर जंगल में आग लग गई।'
  • नवाज ने बताया कि बलूचिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत में आग विशेष रूप से गंभीर थी , पाइन-अखरोट के जंगलों और अन्य वनस्पतियों को नष्ट कर दिया, जो अब पानी के नीचे के क्षेत्रों से दूर नहीं हैं।
बलूचिस्तान में इस मानसून के 30 साल के औसत से 436 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। बैठक में बताया गया कि प्रांत ने व्यापक तबाही देखी है, जिसमें प्रमुख रेल और सड़क नेटवर्क के साथ-साथ दूरसंचार और बिजली के बुनियादी ढांचे में खराबी शामिल हैं।