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Pakistan: पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले कराची में चुनावी बढ़ी हिंसा, इमरान की पार्टी बोली- वोट से लेंगे तानाशाही का बदला

पाकिस्तान में सोमवार को हुई हिंसक झड़प के दौरान पीपीपी के कार्यकर्ताओं के साथ हुई गोलीबारी में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम पाकिस्तान) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। कराची को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का गढ़ माना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अगुआई वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का यहां सीमित प्रभाव है।

By Jagran News Edited By: Jeet KumarUpdated: Tue, 30 Jan 2024 05:00 AM (IST)
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पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले कराची में चुनावी बढ़ी हिंसा
पीटीआई, कराची। पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनावों से पहले देश के सबसे बड़े शहर कराची में चुनावी हिंसा बढ़ गई है। राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को पटखनी देने में जुटे दलों के बीच पहले ही कई बार झड़प हो चुकी है।

एमक्यूएम पाकिस्तान के एक कार्यकर्ता की मौत

सोमवार को नाजिमानाड में हुई हिंसक झड़प के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कार्यकर्ताओं के साथ हुई गोलीबारी में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम पाकिस्तान) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। कराची को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का गढ़ माना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अगुआई वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का यहां सीमित प्रभाव है।

पीटीआइ ने कहा, वोट से तानाशाही का बदला लेंगे मतदाताक्लिफ्टन इलाके में रविवार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी की एक चुनावी रैली के दौरान पुलिस कार्रवाई में कुछ पुलिसकर्मियों समेत 25 लोग घायल हो गए।

पीटीआइ ने पुलिस की कार्रवाई की निंदा की

पीटीआइ ने पुलिस की कार्रवाई और दमन की निंदा की है। पार्टी ने दावा किया है कि कराची में पुलिस ने उसके 30 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पंजाब प्रांत में 144 का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। पार्टी ने कहा कि अपने वोट के माध्यम से मतदाता ऐसी क्रूर कार्रवाइयों और तानाशाही का बदला लेंगे।

आयोग ने 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने देश में 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों को संवेदनशील या अति संवेदनशील घोषित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, आठ फरवरी को होने वाले मतदान के लिए 90,675 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। आयोग ने 27,628 को संवेदनशील और 18,437 को अति संवेदनशील घोषित किया है।

गिलगित बाल्टिस्तान में महंगाई के खिलाफ उग्र हुआ प्रदर्शन

गुलाम जम्मू कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रदर्शन उग्र हो गया है। सामाजिक संगठन अवामी एक्शन कमेटी के आह्वान पर गिलगित-बाल्टिस्तान के विभिन्न जिलों में लोग महंगाई और गेहूं सब्सिडी खत्म करने के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अवामी एक्शन कमेटी ने घोषणा की है कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

प्रदर्शनकारी अबरार हुसैन ने कहा, पूरे गिलगित-बाल्टिस्तान में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार की लापरवाही के कारण हमें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। हाल ही में कांट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया, लेकिन, दमनकारी सरकार ने एसोसिएशन के प्रदर्शनकारियों पर हमला करके क्रूरता का प्रदर्शन किया।