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Pakistan: गोपनीय सूचना बताने पर पांच साल की कैद, सेना अधिनियम 1952 में किया गया संशोधन

पाकिस्तान में संसद ने गुरुवार को एक विधेयक पारित कर पाकिस्तान सेना अधिनियम 1952 में संशोधन कर दिया। इस विधेयक में पाकिस्तानी सेना और देश की सुरक्षा से संबंधित कोई भी गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करने पर पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा का प्रविधान किया गया है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान सेना (संशोधन) अधिनियम 2023 शीर्षक वाला विधेयक सीनेट में पेश किया था।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 27 Jul 2023 09:11 PM (IST)
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पाकिस्तान में गोपनीय सूचना बताने पर पांच साल की कैद। फाइल फोटो।

इस्लामाबाद, पीटीआई। पाकिस्तान में संसद ने गुरुवार को एक विधेयक पारित कर पाकिस्तान सेना अधिनियम 1952 में संशोधन कर दिया। इस विधेयक में पाकिस्तानी सेना और देश की सुरक्षा से संबंधित कोई भी गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करने पर पांच वर्ष के कठोर कारावास की सजा का प्रविधान किया गया है।

रक्षा मंत्री ने सीनेट में पेश किया विधेयक

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान सेना (संशोधन) अधिनियम 2023 शीर्षक वाला विधेयक सीनेट में पेश किया था। कानून में यह बदलाव तब किया गया है जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक गोपनीय संदेश को सार्वजनिक करने के आरोप में फंसे हुए हैं। संशोधित अधिनियम के अनुसार, अगर कोई अधिकारी या सरकार में शामिल व्यक्ति किसी गोपनीय जानकारी को अनाधिकारिक रूप से सार्वजनिक करता है तो वह पांच वर्ष के कठोर कारावास का भागी होगा।

सेना प्रमुख या सक्षम अधिकारी की अनुमति जरूरी

किसी भी गोपनीय सूचना को सार्वजनिक करने के लिए सेना प्रमुख या सक्षम अधिकारी की अनुमति आवश्यक होगी, तब संशोधित अधिनियम के तहत व्यक्ति को आरोपित नहीं किया जा सकेगा।

इमरान खान के पूर्व प्रमुख सचिव ने लगाए थे आरोप

इमरान खान के पूर्व प्रमुख सचिव आजम खान ने इसी महीने आरोप लगाया था कि पूर्व प्रधानमंत्री ने राजनीतिक लाभ के लिए गोपनीय कूटनीतिक संदेश को सार्वजनिक किया। यह कूटनीतिक संदेश अमेरिका में स्थित पाकिस्तानी दूतावास से आया था। इसे पाकिस्तानी सत्ता के खिलाफ अमेरिकी दुष्प्रचार के रूप में इमरान ने प्रस्तुत किया था।

अधिनियम में क्या है नया?

सेना अधिनियम के नए प्रविधान के अनुसार, पाकिस्तानी सेना को इलेक्ट्रानिक प्रचार माध्यम से बदनाम करने के मामले में इलेक्ट्रानिक क्राइम एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होगा और दंड दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सीनेट ने कंटोन्मेंट एक्ट 1924 और डिफेंस हाउसिंग अथारिटी इस्लामाबाद एक्ट 2013 में भी संशोधन किया गया है।