Move to Jagran APP

Pakistan Flood: पाकिस्‍तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लिंग आधारित हिंसा बढ़ने की आशंका, अमेरिका ने भेजी मदद

पााकिस्‍तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान लगाया जा रहा है। यूएन समेत मानवाधिकार संगठनों ने इनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। देश का करीब 70 फीसद इलाका इस बाढ़ से प्रभावित हुआ है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 11:47 AM (IST)
Hero Image
पाकिस्‍तान को अमेरिका ने दुबई से भेजी है मदद
इस्‍लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान में आई बाढ़ की वजह से जहां लाखों लोग प्रभावित हुए हैं वहीं अब इसकी वजह से जैंडर वायलेंस की घटनाओं में बढ़ोतरी होने की आशंका व्‍यक्‍त की जा रही है। ये आशंका संयुक्‍त राष्‍ट्र और मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍थाओं के द्वारा जाहिर की जा रही हैं। इनकी तरफ से कहा जा रहा है कि पाकिस्‍तान में आई बाढ़ के बाद महिलाओं को शौच के लिए दूसरी जगह जाना पड़ रहा है। ऐसे में उनकी सुरक्षा अधर में है। इसके अलावा बच्‍चों की भी सुरक्षा पर भी इन संस्थाओं ने सवाल खड़ा किया है। इस बीच अमेरिका की तरफ से पाकिस्‍तान को मदद भेजी गई है।

अमेरिका ने दुबई में मौजूद अपने वेयरहाउस से पाकिस्‍तान के प्रभावित इलाकों में वितरण के लिए 15 विमानों से करीब 630 टन सामान भेजा है। इसमें बाढ़ से प्रभावित 3.35 लाख लोगों के लिए टैंट और अन्‍य जरूरी चीजें भी शामिल हें। इससे पहले 8 और 16 सितंबर को भी अमेरिका ने यहां पर राहत सामकई इलाकों में ग्री भेजी थी। इस बीच बाढ़ से घिरे कुछ इलाकों में पानी उतरना शुरू हो गया है। सिंध में ही करीब 815 वर्ग मील के जलमग्‍न इलाके में पानी में गिरावट दर्ज की गई है। अकेले सिध में ही करीब 15 लाख लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इस बाढ़ से देश का करीब 70 फीसद से अधिक का इलाका प्रभावित हुए हैं। करीब 65 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं।

बाढ़ की चपेट में आकर नष्‍ट हुए मोबाइल टावर, बिजली के खंभों को दोबारा लगाने की कवायद की जा रही है। वर्ल्‍ड फूड प्रोग्राम के तहत इसमें मदद की जा रही है। अब तक कराची में ही करीब 14 मोबाइल टावर को दोबारा लगाया गया है। इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फार माइग्रेशन की तरफ से भी करीब एक करोड़ लोगों के लिए राहत के तौर पर टैंटों की व्‍यवस्‍था की गई है। अब तक करीब 35 हजार प्रभावित लोगों को ये वितरित भी किए जा चुके हैं।