पाक में बाढ़ ने खोली प्रशासनिक बदइंतजामी की पोल, विशेषज्ञों ने गहराए आर्थिक संकट के लिए इन वजहों को ठहराया जिम्मेदार
पाकिस्तान में आई भयावह बाढ़ ने बदइंतजामी की पोल खोलकर रख दी है। लोगों को भले ही यह प्राकृतिक आपदा दिखती हो लेकिन विशेषज्ञ इसके लिए पाकिस्तान के कुप्रबंधन व अमानवीयता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 07:11 PM (IST)
इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान इस समय भीषण बाढ़ से त्रस्त है। 22 करोड़ लोग प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से प्रभावित हैं। 1,300 से ज्यादा लोगों को जान जा चुकी है। 160 में से 81 जिलों में बाढ़ के कारण 3.3 करोड़ लोग बेघर हो चुके हैं। भले ही यह प्राकृतिक आपदा दिखती हो, लेकिन विशेषज्ञ बाढ़, आर्थिक संकट व राजनीतिक खींचतान के लिए पाकिस्तान के कुप्रबंधन व अमानवीयता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इन वजहों से बढ़ा संकट
राजनीतिक अर्थशास्त्री नियाज मुर्तजा मौजूदा संकट को त्रिस्तरीय बाधा बताते हैं। इनमें आर्थिक, राजनीतिक व प्राकृतिक बाधाएं शामिल हैं। वह कहते हैं, 'गरीब पहले ही दो महीनों से महंगाई, नौकरी छूटने व राजनीतिक अपंगता से परेशान थे और अब बाढ़ ने उन्हें गर्त में धकेल दिया है। दुर्भाग्य तो यह है कि इन स्थितियों से निपटने के बजाय राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं अथवा बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार साबित करने पर तुले हैं।'
कपास की 80 प्रतिशत फसल नष्ट
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने 29 अगस्त को जारी रिपोर्ट में बताया है कि सिंध प्रांत में होने वाली कपास की फसल 80 प्रतिशत नष्ट हो चुकी है। यह प्रांत पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग को करीब 30-37 प्रतिशत कपास उपलब्ध करवाता है। कपड़ा उद्योग पाकिस्तान के लिए न सिर्फ विदेशी आय, बल्कि रोजगार का भी बड़ा जरिया है।लाखों घरों में बिजली आपूर्ति करने वाले केंद्र को बचाने में जुटा पाकिस्तान
बाढ़ के बढ़ते खतरों के बीच पाकिस्तान के अधिकारी लाखों घरों में बिजली की आपूर्ति करने वाले एक बड़े बिजली घरों को बचाने में जुटे हैं। सिंध प्रांत के दादू जिले में स्थित इस केंद्र से छह जिलों में विद्युत आपूर्ति होती है। एक अधिकारी ने बताया कि बिजली घर के सामने बांध बनाकर बाढ़ को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।