पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की भतीजी फातिमा का निकाह, इस शख्स को बनाया हमसफर
पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो का निकाह हो गया है। उन्होंने ग्राहम नाम के शख्स को अपना हमसफर बनाया है। निकाह समारोह के दौरान फातिमा ने एक सफेद अनारकली सूट पहना हुआ था जबकि उनके पति सफेद पठानी सूट पहने नजर आए।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sat, 29 Apr 2023 07:59 AM (IST)
कराची, एएनआई। पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की पोती और बेनजीर भुट्टो की भतीजी फातिमा भुट्टो का कराची में निकाह हुआ। उनके भाई जुल्फिकार अली भुट्टो द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार, मुर्तजा भुट्टो की बेटी फातिमा भुट्टो का निकाह कराची के 70 क्लिफ्टन स्थित परिवार के आवास पर हुआ।
फातिमा के भाई ने दी निकाह की जानकारी
जुल्फिकार अली भुट्टो ने ट्वीट कर कहा, "हमारे पिता शहीद मीर मुर्तजा भुट्टो और भुट्टो परिवार की ओर से मुझे कुछ खुशखबरी साझा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। मेरी बहन फातिमा और ग्राहम की शादी कल हमारे घर 70 क्लिफ्टन में एक अंतरंग निकाह समारोह में हुई थी।" निकाह समारोह के दौरान, फातिमा भुट्टो ने एक सफेद अनारकली सूट पहना हुआ था, जबकि उनके पति सफेद पठानी सूट पहने हुए थे।
भुट्टो ने आगे ट्वीट में कहा, "समारोह में फातिमा के प्रियजनों ने हमारे दादाजी के पुस्तकालय में भाग लिया था। यह एक ऐसी जगह है, जो मेरी प्यारी बहन के लिए बहुत मायने रखती है। हमारे साथी देशवासियों और महिलाओं द्वारा महसूस की गई कठिन परिस्थितियों के कारण हम सभी ने महसूस किया कि भव्य रूप से जश्न मनाना अनुचित होगा।" उन्होंने कपल के लिए दुआएं भी मांगी।
29 मई 1982 को हुआ जन्म
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, फातिमा का जन्म 29 मई, 1982 को हुआ था। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिसमें 'सॉन्ग्स ऑफ ब्लड एंड स्वॉर्ड' नामक एक संस्मरण भी शामिल है, जो उनके परिवार के अशांत राजनीतिक इतिहास और उपन्यास 'द शैडो ऑफ क्रिसेंट मून', जो अफगान सीमा के पास एक छोटे से पाकिस्तानी शहर में लोगों के जीवन की पड़ताल करता है। अपने लेखन के अलावा, उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों जैसे द गार्जियन, द फाइनेंशियल टाइम्स और द न्यूयॉर्क टाइम्स के लेखों और निबंधों में भी योगदान दिया है।
भुट्टो परिवार का राजनीति में रहा लंबा इतिहास
भुट्टो परिवार का पाकिस्तानी राजनीति में एक लंबा इतिहास रहा है, क्योंकि फातिमा के दादा जुल्फिकार अली भुट्टो देश के प्रधानमंत्री रहे। उनकी चाची बेनजीर भुट्टो भी प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। जुल्फिकार अली भुट्टो को 1979 में एक सैन्य तख्तापलट के बाद मार दिया गया था, जबकि बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर, 2007 को हत्या कर दी गई थी।लेखक के रूप में सक्रिय
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार की राजनीतिक विरासत के बावजूद फातिमा भुट्टो एक लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने करियर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए काफी हद तक राजनीतिक सुर्खियों से बाहर रही हैं। फातिमा पाकिस्तान में पारंपरिक राजनीतिक व्यवस्था की आलोचना करती रही हैं।