Balochistan में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है Kali Festival, ऐतिहासिक है मां काली का मंदिर
Balochistan बलूचिस्तान में अभी भी बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर हैं जहां अल्पसंख्यक समुदाय सदियों से रह रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि काली उत्सव एशिया में केवल दो स्थानों पर मनाया जाता है एक कलात में और दूसरा कोलकाता भारत में।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 26 Jan 2023 03:29 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। Kali Festival in Balochistan: बलूचिस्तान में हिंदू कलात के ऐतिहासिक काली माता मंदिर में देवी काली का तीन दिवसीय उत्सव मना रहे हैं। ये उत्सव मंगलवार से शुरू हुआ और गुरुवार तक चलेगा। इस वार्षिक उत्सव ना केवल बलूचिस्तान प्रांत के विभिन्न हिस्सों हिंदू शामिल होते हैं बल्कि पाकिस्तान के विभिन्न स्थानों से भी हिंदू समुदाय के लोग यहां आते हैं। हिंदू भक्त कलात में प्रार्थना करने और देवी काली की पूजा करने के लिए आते हैं। उत्सव के दौरान हिंदू श्रद्धालुओं ने खाने के स्टॉल लगाए हैं और मुफ्त भोजन बांट रहे हैं। कई लोगों ने धार्मिक चिन्हों को बेचने के लिए भी दुकानें लगाई हैं।
एशिया में इन 2 स्थानों पर मनाया जाता है काली उत्सव
कलात में पहले ब्रिटिश शासन था। यहां हिंदू धर्म के लोगों की काफी संख्या के साथ घनी आबादी है। बलूचिस्तान में अभी भी बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर हैं जहां अल्पसंख्यक समुदाय सदियों से रह रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि काली उत्सव एशिया में केवल दो स्थानों पर मनाया जाता है एक कलात में और दूसरा कोलकाता भारत में।
लोगों को एकजुट करने का संदेश
पाकिस्तानी अखबार, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक स्थानीय हिंदू माना मल के आधार पर कहा कि त्योहार का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्यार, शांति, स्नेह और भाईचारे के साथ बांधना और एकजुट करना है। उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर भी संतोष जताया। माना ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया, "पाकिस्तान हमारा देश है और हमारे पास सभी प्रकार की धार्मिक स्वतंत्रता है। हम वार्षिक ऐतिहासिक उत्सव में भाग लेकर बहुत खुश हैं।"एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ती
माना जाता है कि मंदिर में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी देवी काली की मूर्ति है, जिसके कारण कलात मंदिर भारत के हिंदू तीर्थ यात्रियों को भी आकर्षित करता है। ये उत्सव स्थानीय हिंदुओं के बीच उत्साह के साथ मनाया जाता है। बलूचिस्तान पिछले साल बाढ़ से तबाह हो गया था। बाढ़ का पानी अभी भी प्रांत के बड़े हिस्से में बना हुआ है। बाढ़ के पानी की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है और सामान्य जीवन शुरू करने में मुश्किलें आ रही हैं।
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