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खैबर पख्‍तूनख्वा और गिलगिट बाल्टिस्‍तान में लगातार होती रही गलतियां और बढ़ते रहे कोरोना के मरीज

पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्वा और गिलिगिट बाल्टिस्‍तान में कोरोना के मरीजों की संख्‍या बड़ी तेजी से बढ़ रही है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 21 Apr 2020 08:20 AM (IST)
खैबर पख्‍तूनख्वा और गिलगिट बाल्टिस्‍तान में लगातार होती रही गलतियां और बढ़ते रहे कोरोना के मरीज
नई दिल्‍ली (जेएनएन)। कोरोना वायरस लगातार पाकिस्‍तान में पैर पसार रहा है। यहां पर अब तक इसके 8310 मामले सामने आ चुके हैं। पाकिस्‍तान का पंजाब प्रांत इससे सबसे अधिक प्रभावित है और यहां पर अब तक 3721 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं दूसरे नंबर पर सबसे प्रभावित प्रांत सिंध है जहां अब तक कोरोना के 2544 मामले सामने आ चुके हैं। तीसरे नंबर पर खैबर पख्‍तूनख्वा है जहां अब तक 1137 मामले सामने आ चुके हैं। चौथे नंबर बलूचिस्‍तान है और वहां पर इसके 432 मामले सामने आ चुके हैं। पांचवें नंबर पर गिलगिट बाल्टिस्‍तान में 257 मामले और छठे नंबर पर इस्‍लामाबाद है जहां 171 मामले सामने आ चुके हैं। सातवें नंबर पर गुलाम कश्‍मीर है जहां 48 मामले हैं।

पंजाब और सिंध को यदि छोड़ भी दें तो खैबर पख्‍तून्‍ख्‍वां और गिलगिट बाल्टिस्‍तान में इस जानलेवा वायरस के इतने मामले सामने आने के पीछे कुछ खास वजह हैं जो आपके लिए जानना जरूरी है।

  • खैबर पख्‍तूनख्वा की ही अगर बात करें तो ये वो इलाका है जो पाकिस्‍तान को सीधे चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। यही वो इलाका भी है जहां से चीन और पाकिस्‍तान के बीच निर्माणाधीन आर्थिक गलियारा गुजरता है। अरबों डॉलर के इस प्रोजेक्‍ट की वजह से यहां पर दस हजार चीनी नागरिक दिसंबर में भी मौजूद थे।
  • दोनों देशों के बीच निर्माणाधीन इस आर्थिक गलियारे की वजह से यहां पर चीनी नागरिक पाकिस्‍तान के इस प्रांत में आसानी से आ जा सकते थे। जिस वक्‍त समूचे चीन में इसका प्रकोप बढ़ रहा था उस वक्‍त भी इस सीमा पर आने या जाने वालों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई थी।
  • पंजाब और सिंध में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद पाकिस्‍तान की सरकार और खैबर पख्‍तूनख्वा प्रशासन इस बात से नजर फेरे हुए था कि इस सीमा से ये जानलेवा वायरस पाकिस्‍तान में दाखिल हो सकता है।
  • पाकिस्‍तान के अखबारों के मुताबिक, जिस वक्‍त वायरस का प्रकोप शिनजियांग प्रांत में फैला था उस वक्‍त चीन से आने वाले पाकिस्‍तानी नागरिकों ने इस सीमा का काफी इस्‍तेमाल किया था।
  • ईरान में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने और वहां से आने वाले श्रद्धालुओं में इसकी पुष्टि होने के बाद पाकिस्‍तान ने इससे लगती अपनी सीमा बंद कर दी थी, लेकिन खैबर पख्‍तूनख्वा में ये देखने को नहीं मिला था।
  • पाकिस्‍तान में शुरुआत में इस पूरे प्रांत में कम मामले सामने आए थे, लेकिन बाद में यहां पर लगातार इन मामलों की संख्‍या तेजी से बढ़ी। इसकी वजह यहां पर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं का अभाव था। इस बात को खुद पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश को दिए अपने संबोधन में भी स्‍वीकार किया था।
  • इस इलाके से गिलगिट बाल्टिस्‍तान में भी इसके मरीजों का प्रसार हुआ और वहां पर भी लोग इसकी जद में आए। इसके अलावा इन दोनों ही इलाकों में कट्टरपंथियों ने प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों को नहीं माना और न ही एक दूसरे व्‍यक्ति से दूरी बनाने का समर्थन किया।
  • यहां पर जो मामले सामने आए और जिन्‍हें क्‍वारंटाइन भी किया गया उन्‍होंने भी सरकार के बताए निर्देशों का पालन नहीं किया। इसकी वजह से यहां पर मामले लगातार बढ़ते चले गए। अब भी जब सरकार ने लॉकडाउन की समय सीमा को 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया है तो यहां के व्‍यापारी इसको न मानने का एलान कर चुके हैं।
  • पूरे देश की तरह खैबर पख्‍तूनख्वा और गिलगिट बाल्टिस्‍तान में भी पसर्नल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स की कमी साफ दिखाई देती है। यहां पर डाक्‍टरों के पास भी इनकी कमी है। पिछले दिनों पाकिस्‍तान के एक डॉक्‍टर की तस्‍वीर वायरल हुई थी, जिसमें उसने मुंह को कवर करने के लिए प्‍लास्टिक की थैली का इस्‍तेमाल किया हुआ था।
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