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IMF ने खारिज की पाकिस्तान की कर्ज प्रबंधन योजना, संगठन ने कहा- बिजली बिल के मूल्य में करें वृद्धि

आइएमएफ इस कर्ज को बढ़ने से रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार से कड़े फैसले लेने के कह रहा है। आयात के लिए नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए आइएमएफ की बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 02 Feb 2023 09:57 PM (IST)
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सब्सिडी खत्म कर बिजली मूल्य 12.50 रुपये प्रति यूनिट करने को कहा
इस्लामाबाद, एएनआइ। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के दल ने पाकिस्तान की संशोधित कर्ज प्रबंधन योजना को भी खारिज कर दिया है। इससे पहले भी कर्ज लेने और उसके चुकाने के पाकिस्तानी तरीके को आइएमएफ गलत बता चुका है। संगठन ने कहा है कि पाकिस्तान बिजली बिल में छूट की सुविधा को खत्म करने के साथ ही बिजली मूल्य में भी वृद्धि करे। सरकार बिजली का मूल्य 12.50 रुपये प्रति यूनिट तक करे।

IMF ने पाकिस्तान सरकार से कहा

इन दोनों तरीकों से सरकार को 335 अरब रुपये का लाभ होगा। आइएमएफ के अधिकारियों का दल पाकिस्तान आकर सोमवार से आर्थिक स्थिति की समीक्षा कर रहा है। यह दल पाकिस्तान को दिए जाने वाले सात अरब डालर के कर्ज में से 1.18 अरब डालर की पहली किस्त देने से पहले स्थितियों का आकलन कर रहा है। समीक्षा के इसी दौर में आइएमएफ ने पाकिस्तान सरकार से ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार करने के लिए कहा है। पाकिस्तान में इस समय बिजली का मूल्य सात रुपये प्रति यूनिट है।

आइएमएफ की बात मानने के अलावा पाकिस्तान के पास कोई रास्ता नहीं

आइएमएफ के दल ने इसे बढ़ाकर 11 रुपये से 12.50 रुपये प्रति यूनिट करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के अंत तक पाकिस्तान पर कुल 2,113 अरब रुपये का कर्ज हो जाएगा। आइएमएफ इस कर्ज को बढ़ने से रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार से कड़े फैसले लेने के कह रहा है। आयात के लिए नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए आइएमएफ की बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

महंगाई हुई 27.55 प्रतिशत

पाकिस्तान में महंगाई रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। 1975 के बाद 48 वर्षों में पहली बार देश में महंगाई 27.55 प्रतिशत के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। इस दौरान रोजमर्रा की जरूरत की कुछ वस्तुओं की कीमत दो गुना तक हो गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमत ढाई सौ रुपये के पार चली गई है। गुरुवार को अमेरिकी डालर और महंगा होकर 272 रुपये के करीब पहुंच गया। इससे पाकिस्तान के खजाने की दशा और कमजोर हो गई।

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