पीटीआई के लान्ग मार्च के दूसरे ही दिन पार्टी के प्रमुख और पूर्व पीएम इमरान खान का इससे गायब होना कई सवालों को जन्म दे गया। इसको लेकर अटकलों का बाजार बेहद गर्म हो गया। हालांकि बाद में इमरान ने इसका जवाब ट्वीट कर दिया।
By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Sun, 30 Oct 2022 09:47 AM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। पीटीआई के लान्ग मार्च के दूसरे ही दिन पार्टी प्रमुख का इससे गायब हो जाना लोगों के मन में कई सवाल छोड़ गया। पीटीआई ने इन सवालों के जवाब में कहा कि इमरान खान एक बेहद खास बैठक में हिस्सा लेने के लिए लाहौर गए हैं। हालांकि, बाद में ये जवाब भी झूठा साबित हो गया। इमरान खान ने बाद में एक टविट कर कहा कि ऐसा कुछ नहीं था। अपने ट्वीट में उन्होंने ये भी कहा कि ये पहले से ही तय था कि रात में लान्ग मार्च को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसकी वजह उन्होंने सुरक्षा को बताया। इमरान ने ये भी कहा कि उनकी वही एक मांग है जो पिछले 6 माह से वो दोहराते आए हैं कि सरकार निष्पक्ष चुनाव कराने की घोषणा करे।
इमरान के गायब होने से लगी अटकलें
बता दें कि जिस वक्त इमरान इस लान्ग मार्च से गायब हुए तब ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि वो सरकार से किसी मुद्दे पर बातचीत के लिए गए हैं। हालांकि बाद में इन अटकलों पर भी विराम लगा दिया गया। पीटीआई ने साफ किया कि ऐसी कोई मीटिंग नहीं हो रही है। बहरहाल, आपको बता दें कि इस लान्ग मार्च में पीटीआई पार्टी प्रमुख के निशाने पर पाकिस्तान की सरकार के अलावा देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख भी आ गई है। पीटीआई के इस लान्ग मार्च पर सरकार की निगाहें लगी हुई हैं। उन्होंने मार्च में ये आरोप लगाया कि आईएसआई के दो अधिकारियों ने उनके नेताओं को टार्चर किया है। इमरान खान ने आरोप लगाया कि आईएसआई के प्रमुख ने सरकार के दबाव में आकर पीटीआई के नेताओं को टार्चर किया था।
ISI की प्रेस कांफ्रेंस को बताया झूठ का पुलिंदा
एक निजी चैनल से बात करते हुए इमरान खान ने आईएसआई प्रमुख की प्रेस कांफ्रेंस पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस प्रेस कांफ्रेंस में केवल झूठ का पुलिंदा पेश किया गया था। इसमें आधी बातें तो बताई ही नहीं गईं। यदि ये बात सभी के सामने आए जाए तो फिर सरकार की भी पोल खुलने में कोई वक्त नहीं लगेगा। पूर्व पीएम ने कहा कि इस लान्ग मार्च से उनका मकसद केवल देश की जनता को उनका अधिकार दिलाना है। वो चाहते हैं कि जनता की ताकत जनता को मिले और वो अपने मन मुताबिक अपनी सरकार चुने। कोई भी विदेशी इस मुल्क पर अपनी सरकार को न थोप सके। इमरान का कहना था कि वो भारत की तरह है पाकिस्तान की भी विदेशी नीति चाहते हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है लेकिन पाकिस्तान को इसकी इजाजत नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए।