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आतंकवाद विरोधी अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश हुए इमरान खान, चार मामलों में जमानती बॉन्ड किए दाखिल

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के 70 वर्षीय अध्यक्ष खान जैसे ही कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए वकीलों के एक समूह ने उनके पक्ष में नारे लगाए। खान के वकील ने पूर्व प्रधानमंत्री के जमान पार्क लाहौर आवास के तलाशी वारंट को भी आतंकवाद निरोधी अदालत में चुनौती दी।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 30 May 2023 07:39 PM (IST)
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खान एटीसी लाहौर के न्यायाधीश इजाज अहमद बुट्टर के समक्ष पेश हुए।
लाहौर, पीटीआई। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को लाहौर कॉर्प कमांडर हाउस पर हमले समेत चार मामलों में आतंकवाद निरोधी अदालत के समक्ष पेश हुए और दो जून तक के लिए अपनी अग्रिम जमानत के संबंध में मुचलका जमा किया। अदालत के एक अधिकारी ने बताया, खान एटीसी लाहौर के न्यायाधीश इजाज अहमद बुट्टर के समक्ष पेश हुए और आतंकवाद के चार मामलों में एक-एक लाख पाकिस्तानी रुपये की जमानत राशि जमा की, जिसमें उन्हें पहले ही दो जून तक गिरफ्तारी से जमानत मिल चुकी थी।

वकीलों ने इमरान खान के पक्ष में लगाए नारे

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के 70 वर्षीय अध्यक्ष खान जैसे ही कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए, वकीलों के एक समूह ने उनके पक्ष में नारे लगाए। खान के वकील ने पूर्व प्रधानमंत्री के जमान पार्क लाहौर आवास के तलाशी वारंट को भी आतंकवाद निरोधी अदालत में चुनौती दी। जज ने अगली सुनवाई के लिए पंजाब पुलिस के डीआईजी (ऑपरेशंस) को तलब किया और उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

9 मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला किया था। खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई

कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने पूरे पाकिस्तान में खान की पाकिस्तान पार्टी के 10,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 4,000 पंजाब से हैं। पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई।

इस बीच, खान के दो वकील लाहौर में जिन्ना हाउस के नाम से जाने जाने वाले कॉर्प्स कमांडर हाउस पर हमले की जांच कर रहे एक संयुक्त जांच दल के सामने पेश हुए। 9 मई को लाहौर में जिन्ना हाउस और असकरी कॉरपोरेट टावर में आगजनी के हमलों की जांच के लिए पंजाब की अंतरिम सरकार द्वारा गठित संयुक्त जांच दल ने खान को बयान दर्ज कराने के लिए मंगलवार को बुलाया था, लेकिन उन्होंने इसके बजाय अपने वकीलों को भेज दिया।

जांच के लिए 10 जेआईटी का गठन

खान ने कहा है कि सैन्य प्रतिष्ठानों, खासकर जिन्ना हाउस पर हमले में उनकी कोई भूमिका नहीं है क्योंकि वह इस अवधि के दौरान जेल में थे। एटीसी ने हाई-प्रोफाइल लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस पर हमले में खान को पुलिस जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था।

बड़ी संख्या में खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 9 मई को जिन्ना हाउस पर धावा बोल दिया और तोड़फोड़ करने के बाद उसमें आग लगा दी। पंजाब गृह विभाग ने 9 मई को हुए हमलों और हिंसक विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए 10 अलग-अलग जेआईटी का गठन किया है, जिसे सेना ने ब्लैक डे करार दिया था।