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Imran Khan Arrested: PTI की लीगल टीम ने सरकार पर लगाया आरोप, कहा- इमरान खान से मुलाकात की नहीं मिल रही मंजूरी

तोशाखाना मामले में गिरफ्तार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को अटक जेल में भेज दिया गया है। इसी बीच उनके पार्टी के लीगल टीम ने दावा किया है कि सरकार इमरान खान के वकीलों को उनसे मिलने की मंजूरी नहीं दे रही है। इसके लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने न्यायपालिका से सरकार के गैरकानूनी व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 07 Aug 2023 09:16 AM (IST)
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इमरान खान के वकीलों पर लगी रोक
इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अटक जेल में अपने वकीलों से मिलने से इनकार किया जा रहा है। स्थानीय न्यूज एजेंसी जियो न्यूज ने रविवार दावा करते हुए इस बात की जानकारी दी है। साथ ही, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने न्यायपालिका से सरकार के गैरकानूनी व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

वकीलों से मिलने की मंजूरी नहीं

पीटीआई की कोर कमेटी ने आगे कहा कि उन्हें इमरान खान के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई, उनके वकील उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। बयान में कहा गया है, "पक्षपातपूर्ण फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए वकीलों का इमरान खान तक पहुंचना जरूरी है। वकीलों तक पहुंच से इनकार करना पार्टी को कानूनी कार्रवाई के अधिकार से वंचित करने के समान है।"

जिला और सत्र अदालत ने माना दोषी

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, बयान में कहा गया है, "फासीवादी सरकार को कानूनी टीम को इमरान खान तक पहुंच देनी चाहिए।" पीटीआई ने ये बयान पीटीआई प्रमुख इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने और गिरफ्तार किए जाने के बाद जारी किए।

दरअसल, इस मामले में इस्लामाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने उन्हें कानूनों का उल्लंघन करके सरकारी उपहार बेचने का दोषी पाया।

अटक जेल में ट्रांसफर करने को लेकर जताया विरोध

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी और अन्य नेता शामिल हुए। यहां उन्होंने इमरान खान की गिरफ्तारी पर चर्चा की और उनकी तत्काल रिहाई की कानूनी कार्रवाई से संबंधित मुद्दे उठाए। इसके अलावा, उन्होंने खान को अदियाला जेल से अटक जेल में स्थानांतरित करने का भी विरोध किया।

स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उजागर किया

बयान में कहा गया, "गिरफ्तारी एक गलत फैसले की आड़ में पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ पक्षपातपूर्ण मुकदमे और बदले की भावना को दर्शाती है।" हालांकि, कोर कमेटी ने पीटीआई प्रमुख के स्वास्थ्य और सुरक्षा के संबंध में अपनी चिंताओं को उजागर किया। जियो न्यूज के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इमरान खान के खिलाफ शारीरिक और मानसिक हिंसा की आशंका है।

कार्रवाई को बंद करने का आह्वान किया

बयान में यह भी कहा गया कि समिति ने पीटीआई प्रमुख को प्रदान की जाने वाली भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता सुविधाओं के बारे में चिंता व्यक्त की। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा, पीटीआई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी बंद करने का आह्वान किया गया।

पद का दुरुपयोग करने के आरोप में सजा

खान पर प्रधानमंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 140 मिलियन रुपये (490,000 अमेरिकी डॉलर) से अधिक मूल्य के सरकारी उपहार बेचने का आरोप है, जो उन्हें विदेश यात्राओं के दौरान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले थे।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के एक प्रतिष्ठित वकील जुल्फिकार अहमद भुट्टा ने कहा है कि तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद इमरान खान अब पीटीआई प्रमुख का पद बरकरार नहीं रख सकते हैं।

इसके अलावा, उनकी गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों ने रविवार को पंजाब के कई जिलों में सात दिनों के लिए धारा 144 लगा दी।