Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

सैनिकों की मौत से गुस्से में पाकिस्तान, तालिबान से कहा दोबारा कभी ना हो ऐसा हमला

आईएसपीआर ने बयान में कहा इस्लामाबाद पाकिस्तान के खिलाफ गतिविधियों के लिए आतंकवादियों द्वारा अफगान धरती के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता है और उम्मीद करता है कि अंतरिम अफगान सरकार भविष्य में पाकिस्तान के खिलाफ इस तरह की गतिविधियों के संचालन की अनुमति नहीं देगी।

By Neel RajputEdited By: Updated: Mon, 07 Feb 2022 10:47 AM (IST)
Hero Image
रविवार को सीमा पार से आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में पाकिस्तान के पांच सैनिक मारे गए (ANI)

इस्लामाबाद, एएनआइ। तालिबान के साथ इमरान खान सरकार का धैर्य खत्म होता नजर रहा है। रविवार को अफगानिस्तान से हुए हमले में पाक सेना के पांच सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तान सरकार ने पहली बार सार्वजनिक रूप से देश के खिलाफ अफगान धरती के इस्तेमाल की निंदा की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को सीमा पार से आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में पाकिस्तान के पांच सैनिक मारे गए।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन के हवाले से एक बयान में कहा, अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार अफगानिस्तान के भीतरी हिस्से से आतंकवादियों ने कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैनिकों पर गोलियां चलाईं। आईएसपीआर ने बयान में कहा, इस्लामाबाद पाकिस्तान के खिलाफ गतिविधियों के लिए आतंकवादियों द्वारा अफगान धरती के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता है और उम्मीद करता है कि अंतरिम अफगान सरकार भविष्य में पाकिस्तान के खिलाफ इस तरह की गतिविधियों के संचालन की अनुमति नहीं देगी।

यह पहली बार है जब इस्लामाबाद ने तालिबान शासन के तहत अपने खिलाफ अफगान धरती के इस्तेमाल की आधिकारिक तौर पर निंदा की है। इससे पहले इस तरह के हमलों को लेकर पाक सरकार ने कभी इस तरह का बयान नहीं दिया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यहां तक ​​कि जब स्थानीय तालिबान सैनिकों ने सीमा पर बाड़ को बाधित करने की कोशिश की, तो पाकिस्तान ने इसे स्थानीयकृत समस्या करार दिया।

इमरान खान सरकार की सीधी आलोचना इस ओर इशारा करती है कि अब इस्लामाबाद का अंतरिम तालिबान सरकार के साथ धैर्य खत्म हो रहा है, क्योंकि अपने बार-बार के वादों के बावजूद, पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल जारी है।

पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा है कि अंतरिम तालिबान सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के हमले न हों। हाल ही में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डा मोईद यूसुफ के अफगानिस्तान दौरे के दौरान तालिबान ने आश्वासन दिया था कि पाकिस्तान समेत किसी भी देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।