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Pakistan: इमरान खान की अंतरिम जमानत हुई खारिज, कोर्ट ने कहा- मामलों से संबंधित जांच में हों शामिल

मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान की छह मामलों में अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया है। बता दें अपदस्थ प्रधानमंत्री को इस महीने की शुरुआत में अटक जेल में सलाखों के पीछे डाल दिया गया था जब इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें तोशखाना (राज्य डिपॉजिटरी) उपहारों की आय को छुपाने का दोषी पाए जाने के बाद तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 16 Aug 2023 04:00 AM (IST)
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जज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में इमरान खान की जमानत नहीं बढ़ाई जा सकती।

इस्लामाबाद, एएनआई। इस्लामाबाद की एक जिला एवं सत्र अदालत ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान की छह मामलों में अंतरिम जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश मुहम्मद सोहेल ने फैसले की घोषणा की और कहा कि यह सुविधाजनक होगा यदि पूर्व प्रधानमंत्री, जिन्हें पिछले साल संसदीय वोट के माध्यम से सत्ता से हटा दिया गया था, मामलों से संबंधित जांच में शामिल हों। जज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में इमरान खान की जमानत नहीं बढ़ाई जा सकती।

पीटीआई समर्थकों ने देश के कई हिस्सों किया था हमला

संघीय राजधानी के कराची कंपनी, रमना, कोहसर, तरनूल और सचिवालय पुलिस स्टेशनों में कैद पीटीआई प्रमुख के खिलाफ छह मामले दर्ज किए गए थे। इस साल 9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया और पार्टी समर्थकों ने देश के कई हिस्सों में रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया। दंगों में कथित संलिप्तता के लिए सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, जबकि अधिकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पर हिंसक विरोध प्रदर्शन का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया था।

अपदस्थ प्रधानमंत्री को इस महीने की शुरुआत में अटक जेल में सलाखों के पीछे डाल दिया गया था, जब इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने उन्हें तोशखाना (राज्य डिपॉजिटरी) उपहारों की आय को छुपाने का दोषी पाए जाने के बाद तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी और 100,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।

इसके बाद, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद सार्वजनिक पद संभालने से पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। द न्यूज इंटरनेशनल की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने गुरुवार को सात मामलों में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अंतरिम जमानत खारिज कर दी।

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अदालत के सामने पेश होना चाहते है इमरान खान

द न्यूज इंटरनेशनल ने यह भी बताया कि सात मामलों में अभियोजन के अभाव में लाहौर कोर कमांडर के घर पर हमला भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष अभियोजक, फरहाद अली शाह ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि दोषी अभियुक्तों के छूट आवेदनों को स्वीकार करने की कानून में कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने अदालत से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष की अंतरिम जमानत खारिज करने की गुहार लगाई। दूसरी ओर, इमरान खान के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल जेल में है और अदालत को उसे समन करना चाहिए क्योंकि वह अदालत के सामने पेश होना चाहते है।

द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, अदालत ने जवाब दिया कि जब खान स्वतंत्र थे, तब भी उन्होंने अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया। बैरिस्टर सलमान सफदर, जिन्हें सुनवाई में भाग लेने से छूट दी गई थी, ने भाग लेने से छूट के अपने अनुरोध पर बहस करने के लिए अधिक समय का अनुरोध किया। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने पीटीआई अध्यक्ष को पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया और उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। एआरवाई न्यूज ने गुरुवार को बताया कि इस्लामाबाद की एक जवाबदेही अदालत ने राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) के 190 मिलियन पाउंड घोटाले के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अंतरिम जमानत रद कर दी।

मैं जेल में नहीं रहना चाहता: इमरान खान

इस बीच, स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 5 अगस्त को पाकिस्तान की एक जिला और सत्र अदालत ने पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान को तोशाखाना मामले में यानी अवैध रूप से सरकारी उपहार बेचने के आरोप में तीन साल की जेल की सजा सुनाई और उन्हें पांच साल की अवधि के लिए राजनीति से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद पीटीआई अध्यक्ष को लाहौर में उनके जमान पार्क आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने इमरान खान पर 100,000 पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) का जुर्माना भी लगाया।

पाकिस्तान स्थित जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने जेल में रहने पर निराशा व्यक्त की है और कहा है कि वह वहां नहीं रहना चाहते। अधिकारियों के मुताबिक अटक जेल में अपने वकीलों से बात करते हुए इमरान खान ने कहा, ''मुझे यहां से बाहर ले जाओ, मैं जेल में नहीं रहना चाहता।''