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नाफरमानी बर्दाश्त नहीं! पाकिस्तान में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सचिव को किया बर्खास्त; बिल को लेकर छिड़ा विवाद

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दो प्रमुख विधेयकों पर हस्ताक्षर करने को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद अपने सचिव को बर्खास्त करने का फैसला उनका नाम हटाने के लिए किया था क्योंकि बर्खास्त अधिकारी ने खुद को निर्दोष बताया और जांच की मांग की। राष्ट्रपति अल्वी ने सचिव अहमद को बर्खास्त करने के आदेश देते हुए कहा कि उनकी सेवाओं की अब आवश्यकता नहीं है।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 22 Aug 2023 02:31 PM (IST)
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पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सचिव को किया बर्खास्त।(फोटो सोर्स: जागरण)
इस्लामाबाद, पीटीआई। सियासी उठापठक और आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान में फिलहाल केयरटेकर सरकार चल रही है। अनवार-उल-हक काकड़ को पाकिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया है। इसी बीच मंगलवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) सुर्खियों में आ चुके हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने अपने सचिव वकार अहमद (Waqar Ahmed) को बर्खास्त कर दिया है।

 दरअसल, मामला यह है कि पाकिस्तान में इस बात की चर्चा चल रही थी कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दो विधेयक, आधिकारिक गोपनीयता (संशोधन) विधेयक, 2023 और पाकिस्तान सेना (संशोधन) विधेयक, 2023 पर हस्ताक्षर कर दिया है। वहीं, राष्ट्रपति ने इस बात का पूरी तरह से खंडन किया है। उन्होंने कहा कि मैं दोनों विधेयक से अहसमत हूं। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा की बीपीएस-22 अधिकारी हुमैरा अहम को राष्ट्रपति के सचिव के तौर पर नियुक्त किया जा सकता है।

वकार को मिली गुस्ताखी की सजा

राष्ट्रपति के मुताबिक, उनके सचिव ने उनके आदेश का पालन नहीं किया । हालांकि, उन्हें किस बात की सजा दी गई उसकी पूरी जानकारी साझा नहीं की गई है। पाकिस्तान की अखबार डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, अहमद को हटाए जाने को उनकी कथित गुस्ताखी की सजा के तौर पर देखा जा रहा है।

वकार अहमद ने खुद को बताया निर्दोष

मीडिया रिपोर्टों में मंगलवार को कहा गया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने दो प्रमुख विधेयकों पर हस्ताक्षर करने को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद अपने सचिव को बर्खास्त करने का फैसला उनका नाम हटाने के लिए किया था, क्योंकि बर्खास्त अधिकारी ने खुद को निर्दोष बताया और जांच की मांग की। राष्ट्रपति सचिवालय ने एक बयान में कहा कि अल्वी ने सचिव अहमद को बर्खास्त करने के आदेश देते हुए कहा कि उनकी सेवाओं की अब आवश्यकता नहीं है।

दोनों बिल से संबंधित किसी भी अनियमितता के लिए मैं जिम्मेदार नहीं:वकार अहमद

वहीं,वकार अहमद ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण बताया है। वहीं, राष्ट्रपति अल्वी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। अहमद ने राष्ट्रपति से किसी भी कदाचार को उजागर करने के लिए संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) या किसी अन्य एजेंसी के माध्यम से मामले की जांच शुरू करने का भी आग्रह किया। पूर्व सचिव ने गोपनीय पत्र में कहा, "मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि बिलों से संबंधित किसी भी अनियमितता के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं।

अहमद ने कहा- मैं सुप्रीम कोर्ट के सामने गवाही देने के लिए तैयार

उन्होंने दावा किया कि बिल को लौटान में देरी और अवज्ञा के आरोपों के उलट बिल से संबंधित दस्तावेज अभी भी राष्ट्रपति कक्ष में मौजूद हैं। अहमद ने कहा कि पाकिस्तान सेना अधिनियम (संशोधन) विधेयक से संबंधित फाइलें 21 अगस्त तक सचिव के कार्यालय में वापस नहीं की गईं। उन्होंने आगे कहा,"मैं सुप्रीम कोर्ट या किसी अन्य अदालत के समक्ष गवाही देने के लिए तैयार हूं। मैं अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए एक रिकॉर्ड पेश करूंगा।"

अहमद ने स्पष्ट किया कि आधिकारिक गोपनीयता (संशोधन) विधेयक, 2023 को 8 अगस्त को राष्ट्रपति कार्यालय को प्राप्त हुआ था, उन्होंने कहा कि इसे 9 अगस्त को राष्ट्रपति को भेज दिया गया था। "राष्ट्रपति दोनों बिल के तथ्यों से पूरी तरह अवगत हैं।"

क्या कहते हैं संविधान के नियम?

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 75 के तहत, राष्ट्रपति को दस दिनों के भीतर किसी विधेयक को मंजूरी देनी होती है, और उसी प्रावधान के तहत वह उतने ही दिनों के भीतर किसी विधेयक को पुनर्विचार के लिए संसद में वापस भेज सकते हैं।

इस विवाद के बारे में लंदन में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि घटना की आधिकारिक जांच शुरू की जानी चाहिए।