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India Pak Relation: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के बदले सुर, कहा- आज नहीं तो कल भारत से सामान्य होंगे रिश्ते

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) से इतर एक अन्य कार्यक्रम में उम्मीद जताई कि वह दिन आएगा जब उनका देश भारत से कूटनीतिक और आर्थिक तौर पर जुड़ेगा। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 07:27 PM (IST)
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बिलावल भुट्टो जरदारी का कहना है कि वह दिन आएगा जब पाक भारत से कूटनीतिक तौर पर जुड़ेगा। (File Photo)
दावोस, पीटीआइ। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को उम्मीद जताई कि वह दिन आएगा जब उनका देश भारत से कूटनीतिक और आर्थिक तौर पर जुड़ेगा। बिलावल विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) से इतर एक अन्य कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'आज नहीं तो कल, वह दिन तो आना ही है। उस दिन हम अपनी पूर्ण आर्थिक क्षमताओं को खोलेंगे और सभी इसका लाभ उठाएंगे।'

उन्होंने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और व्यापार संभावनाओं को निकट पड़ोसियों के समेत दूसरे देशों के लिए खोलने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर यह बात कही। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी देश के साथ कूटनीतिक व आर्थिक रूप से जुड़ने के लिए पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता नहीं करेगा।

बिलावल ने कश्मीर मसले को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त मिशेल बाशेलेट को पत्र लिखकर यासीन मलिक को रिहा करने के लिए भारत से आग्रह करने की भी अपील की है। वहीं, पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि कश्मीर ऐसा बड़ा मुद्दा है जो सभी को दिखता है, लेकिन सभी उसकी अनदेखी करते हैं। 

वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में जारी राजनीतिक और आर्थिक संकट के बाद अब गेहूं का गंभीर संकट हो गया है। इस साल पाकिस्तान में गेहूं की उपज दो मीट्रिक टन से भी कम होने की आशंका है। गेहूं की कमी से पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था के और भी गर्त में जाने की आशंका बनी हुई है। झुलसाने वाली गर्मी के कारण ऐसा हो रहा है। डान की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के इस मौसम में केवल 2.69 करोड़ टन गेहूं की ही कटाई हो पाएगी। जबकि लक्ष्य 2.89 करोड़ टन की कटाई का था।

मार्च के मध्य में अप्रत्याशित गर्मी पड़ने के कारण गेहूं संकट बढ़ गया है। इसके अलावा, उवर्रकों के अत्यधिक इस्तेमाल से लागत बढ़ी है। जबकि गेहूं और आटे की अनउपलब्धता ने भी उसके दाम बढ़ाए हैं। इसके अलावा, फसलों की सिंचाई के लिए पानी की किल्लत ने उपज अच्छी नहीं होने दी है। सनद रहे हाल ही में भारत ने खाद्यान्‍न संकट से जूझ  रहे अफगानिस्‍तान को मदद भेजी थी। 

पाकिस्‍तानी अखबार डान का कहना है कि पाकिस्तान को 30.8 घन टन गेहूं की आवश्यकता है जिससे खाद्य संकट से बचा जा सके। ईंधन की कमी से पहले ही अत्यधिक घाटे में चल रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दसियों अरब की बिजली सब्सिडी का भी बोझ पहले से है। जिसे अब सरकार ने हटा लिया है। लेकिन अब गेहूं संकट ने स्थिति को और विकट बना दिया है।