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Pakistan: तोशाखाना मामले में बढ़ी इमरान खान की मुश्किलें, अदालत ने पूर्व पीएम के खिलाफ जारी किया अरेस्ट वारंट

पाकिस्तान की एक अदालत ने तोशाखाना और अल-कादिर ट्रस्ट मामलों में इमरान खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने इस दौरान जेल अधीक्षक को वारंट का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी तरह के कानूनी कदम उठाने का भी आदेश दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने पाकिस्तानी न्यूज समा के हवाले से यह जानकारी दी है ।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 13 Nov 2023 05:13 PM (IST)
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इमरान खान के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट। फाइल फोटो।

एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान की एक अदालत ने तोशाखाना और अल-कादिर ट्रस्ट मामलों में इमरान खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत ने क्या कहा?

इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत (Islamabad Accountability Court) ने इस दौरान जेल अधीक्षक को वारंट का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी तरह के कानूनी कदम उठाने का भी आदेश दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने पाकिस्तानी न्यूज समा के हवाले से यह जानकारी दी है।

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क्या है तोशाखाना मामला?

मालूम हो कि पूर्व पाक पीएम इमरान खान पर साल 2018 से 2022 के बीच सरकारी उपहारों को बेचकर पैसा बनाने का आरोप था। ये उपहार इमरान को विदेश यात्रा के दौरान प्राप्त हुए थे। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, इन उपहारों को स्टेट डिपॉजिटरी (तोशाखाना) में रखना होता है। हालांकि, अगर कोई भी पीएम इन उपहारों को अपने पास रखना चाहता है तो उसे नीलामी के तहत एक कीमत चुकानी होती है।

आरोप है कि इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन उपहारों को तोशाखाना से खरीदकर 5 करोड़ से ज्यादा में बेचा और बड़ा मुनाफा कमाया। इन उपहारों में महंगी गड़ियां, पेन और कीमती अंगूठी भी शामिल थी।

क्‍या है अल-कादिर ट्रस्ट मामला?

मालूम हो कि अल-कादिर ट्रस्ट केस एक यून‍िवर्स‍िटी से जुड़ा मामला है। इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान कथित रूप से अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट में शामिल हैं।

कई दस्तावेजों के मुताबिक, इमरान खान, बुशरा बीबी, जुल्फिकार बुखारी और अवान ने झेलम की सोहावा तहसील में 'क्‍वाल‍िटी एजुकेशन' के ल‍िए 'अल-कादिर विश्वविद्यालय' स्थापित करने के लिए ट्रस्ट का गठन किया था। रिपोर्टों की मानें तो इमरान खान पर आरोप है क‍ि उन्‍होंने बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने इस यूनिवर्सिटी को अवैध तरीके से करोड़ों रुपए की जमीन दी थी।

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