Toshakhana Case पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को बड़ा झटका लगा है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया जिसमें पाकिस्तान चुनाव आयोग के तोशाखाना मामले में उनकी अयोग्यता के फैसले को तुरंत निलंबित करने की मांग की गई थी।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 24 Oct 2022 04:12 PM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआइ। Pakistan News: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (Islamabad High Court) ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पाकिस्तान के चुनाव आयोग (Election Commission of Pakistan) के तोशाखाना मामले में उनकी अयोग्यता के फैसले को तुरंत निलंबित करने की मांग की गई थी।
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक चुनावी निगरानी संस्था ने तोशाखाना संदर्भ में पीटीआइ प्रमुख को यह कहते हुए अयोग्य घोषित कर दिया कि उन्होंने 'झूठे बयान' देकर भ्रष्ट आचरण किया है।
इमरान खान को हाईकोर्ट ने दिया आदेश
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने सोमवार को इमरान खान की याचिका पर सुनवाई की और इसे खारिज करने के बाद पीटीआइ अध्यक्ष को तीन दिनों के भीतर याचिका पर उठाई गई आपत्तियों को दूर करने का आदेश दिया। बैरिस्टर अली जफर इमरान खान की ओर से सुनवाई में शामिल हुए।
ये भी पढ़ें: Pakistan ने China से 6.3 अरब डॉलर का कर्ज रोलओवर करने का किया अनुरोध
तोशाखाना में जमा होते हैं उपहार
कथित तौर पर, सरकारी अधिकारियों द्वारा प्राप्त उपहारों की तुरंत सूचना दी जानी चाहिए ताकि उनके मूल्य का आकलन किया जा सके। मूल्यांकन किए जाने के बाद ही प्राप्तकर्ता एक विशिष्ट राशि जमा करने के बाद उपहार ले सकता है, यदि वह इसे रखना चाहता है। ये उपहार कैबिनेट डिवीजन के तहत एक विभाग तोशाखाना में जमा रहते हैं, जो कीमती उपहारों का रिकार्ड रखता है।
इमरान खान ने पेश किया झूठा हलफनामा
हाल ही में, पाकिस्तान के चुनाव आयोग
(ECP) ने तोशाखाना मामले में अपने फैसले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया और फैसला सुनाया कि वह अब नेशनल असेंबली के सदस्य नहीं हैं। ECP ने कहा कि इमरान खान ने एक झूठा हलफनामा प्रस्तुत किया है। वे भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए हैं।
58 मिलियन रुपये में बेचे गए उपहार
इससे पहले 19 सितंबर को तोशाखाना मामले की सुनवाई में इमरान खान के वकील अली जफर ने स्वीकार किया था कि उनके मुवक्किल ने 2018-19 के दौरान कम से कम चार उपहार बेचे थे। वकील ने ECP को अवगत कराया, 'उपहार 58 मिलियन रुपये में बेचे गए थे और उनकी रसीदें मेरे मुवक्किल द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न के साथ संलग्न थीं।'
कुछ वस्तुओं के लिए ही किया गया भुगतान
इस बीच, अगस्त में, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने यह दावा करते हुए संदर्भ दायर किया कि खान ने केवल कुछ वस्तुओं के लिए भुगतान किया था जो वह 'तोशाखाना' से घर ले गए थे। फिर भी, अधिकांश वस्तुएं जो उन्होंने सरकारी खजाने से लीं, उसका भुगतान नहीं किया। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, संदर्भ में, यह आरोप लगाया गया था कि खान ने अपने द्वारा लिए गए उपहारों का खुलासा नहीं किया और अपने बयानों में जानकारी छुपाई।
ये भी पढ़ें: Pakistan के परमाणु हथियार वैश्विक शक्तियों के लिए चिंता का विषय, आतंकियों के हाथ लगने का खतरा