वाह रे इमरान खान, 64 वर्ष की उम्र में भी इनसे संजोए हैं शादी के सपने!
दो शादियां करने के बाद भी इमरान खान की तीसरी शादी करने की हसरत अभी बाकी है। शायद इसलिए ही उन्होंने अपनी पार्टी की महिला काे कथित तौर पर मैसेज किया था।
By Kamal VermaEdited By: Kamal VermaUpdated: Sun, 06 Aug 2017 09:36 AM (IST)
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। पाकिस्तान में आयशा गुलालाई वजीर वो नाम है, जो अचानक से मीडिया की सुर्खियां बन गई है। इसकी वजह उनका वह बयान है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने उन्हें फोन पर गलत मैसेज भेजे। हालांकि पीटीआई ने इस बयान पर उलटे आयशा को ही घेरने की कोशिश की है और कहा कि ऐसा बयान देने के लिए उन्हें पैसे दिए गए हैं। वहीं आयशा का कहना है कि इस मामले के सामने आने के बाद अब उनकी जान को भी खतरा है।
पाकिस्तान की सरकार ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है, जिसका पीटीआई ने भी स्वागत किया है। यह जांच कमेटी कैमरा प्रोसिडिंग के जरिए अपना काम कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। वहीं प्रधानमंत्री अब्बासी ने उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करवाने का भी वादा किया है। आयशा का यह भी आरोप है कि इमरान यहां पर वेस्टर्न कल्चर लाना चाहते हैं, लेकिन पहले वह अपना घर देख लें। उन्होंने इमरान एंड पार्टी को महिलाओं की इज्जत न करने वाले लोगों का 'गैंग' तक बताया है। बहरहाल, खबर सिर्फ इतनी नहीं है, बल्कि इससे आगे है।
इमरान खान के आरोप सौ फीसद सही
आयशा का मामला सामने आने के बाद कई लोग उनके समर्थन में सामने आने लगे हैं। नेशनल असेंबली की सदस्य मार्वी मेनन ने एक टीवी शो के दौरान साफतौर पर कहा कि आयशा के इमरान खान पर लगाए आरोप सौ फीसद सही हैं। 'नया पाकिस्तान' नाम से आने वाले इस टीवी शो के दौरान मार्वी ने यहां तक कहा कि पीटीआई की कई महिला सदस्य सिर्फ अपनी सीट बचाने के लिए सामने नहीं आ रही हैं, जबकि इस मामले की सच्चाई वह भी अच्छे से जानती हैं। वहीं दूसरी तरफ आसिफ भुट्टो जरदारी ने भी ट्वीट कर कहा है कि आयशा के आरोपों को काफी गंभीरता से लेना चाहिए। अपने ट्वीट में उन्होंने यहां तक कहा है कि पाकिस्तान में महिलाएं इस तरह की बातें करते हुए सहज महसूस नहीं करती हैं और न ही बड़े नाम के खिलाफ उठने की हिम्मत जुटा पाती हैं।
इमरान ही नहीं हक ने भी दिया था मैरिज प्रपोजल
दरअसल, अब ये मसला कुछ और ही दिखाई दे रहा है। आयशा की मानें तो उन्हें न सिर्फ इमरान खान बल्कि उनकी ही पार्टी एक एक और नेता नईमुल हक ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया था। इसका जिक्र आयशा ने शिराजी के टॉक शो में किया था। यहां पर आपको यह बता देना जरूरी होगा कि जिस इमरान खान पर आयशा ने गंदे मैसेज भेजने का आरोप लगाया है वह 64 वर्ष के हैं और दो शादियां कर चुके हैं। वहीं दूसरे हक ने इसी साल जुलाई में अपना 68वां जन्मदिन मनाया है।
गौरतलब है कि लाहौर के पुश्तो परिवार से ताल्लुक रखने वाले इमरान खान 'नियाजी' ने पहली शादी ब्रिटेन की जमीमा गोल्डस्मिथ से 16 मई 1995 में की थी। इसके बाद जमीमा के धर्म परिवर्तन करने के बाद 21 जून को दोबारा निकाह हुआ। उनकी यह शादी 2004 तक चली जिसके बाद उन्होंने जमीमा को तलाक दे दिया। इसके बाद बीबीसी की पत्रकार रेहम खान से 2015 में शादी की। लेकिन ये शादी एक वर्ष भी नहीं चली और दोनों के बीच तलाक हो गया। इसके बाद रेहम ने सार्वजनिक तौर पर इमरान खान पर एक संकीर्ण सोच वाला इंसान होने का आरोप लगाया था।
इमरान ने खारिज किए आयशा के आरोप इमरान खान पहले ही आयशा के आरोपों को खारिज कर चुके हैं। लेकिन हक के ट्वीट से पता चलता है कि इस तरह की बात जरूर हुई है। हक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि उन्हें नहीं लगता है कि शादी के बारे में उनसे बात करने पर उन्हें माफी मांगनी चाहिए। वह ऐसा नहीं मानते हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि आयशा ने जिस मैरिज प्रपोजल का जिक्र टॉक शो में किया है, वह सरासर झूठ है। लेकिन इस ट्वीट के बाद हक का यह भी कहना है कि इस तरह के ट्वीट उन्होंने नहीं किए हैं और यह उनकी जानकारी के बिना किसी दूसरे ने किए हैं। पीटीआई के एक अन्य नेता के मुताबिक हक का अकाउंट हैक कर इस तरह के ट्वीट किए गए थे।
आयशा को मैसेज में आखिर क्या कहाचलिए अब जानते हैं कि आखिर हक ने आयशा काे मैसेज में क्या कहा था। आयशा की मानें तो हक ने उन्हें कहा कि 'वह काफी अकेले हैं और उनसे शादी करना चाहते हैं'। लेकिन इमरान खान ने आयशा को इस तरह का केवल हिंट ही दिया था, उन्होंने सीधे तौर पर शादी का जिक्र नहीं किया था। इसके अलावा उन्होंने आयशा को अश्लील मैसेज भी भेजा था। जिसकी शिकायत आयशा ने अपने पिता से की थी। इसकी शिकायत के लिए जब आयशा और उनके पिता ने इमरान से मुलाकात की तो उनका व्यवहार काफी खराब था, क्योंकि वह चाहते थे कि आयशा उनसे इस बारे में अकेले ही मुलाकात करे। इमरान का कहना था कि वह उनसे अकेले में मिलना चाहते हैं। इमरान यहीं पर नहीं रुके और फिर एक अश्लील मैसेज आयशा को भेज दिया। आयशा के मुताबिक इस मामले को सुलझाने की उनके पिता ने काफी कोशिश भी की थी। पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक इमरान खान की तरफ से इस तरह के मैसेज की शुरुआत 2013 में हुई थी।
आयशा को घेरने के लिए पीटीआई की रणनीतिइस मामले के सामने आने के आयशा को घेरने के लिए इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने नई रणनीति बनाई है। इसमें आयशा पर आरोप लगाने के अलावा उनकी बहन मारिया, जो कि पाकिस्तान की एक चर्चित स्क्वैश प्लेयर हैं, को घेरने की घोषणा की है। इस रणनीति के तहत पीटीआई अब मारिया के एक खिलाड़ी के तौर पर पहनने वाले कपड़ों पर तंज कस रही है। वहीं दूसरी ओर पीटीआई की कई महिला सदस्यों का यह भी आरोप है कि उन्होंने इन बातों को इतने दिन तक क्यों छिपाए रखा और अभी क्यों इसको उजागर किया है। इन महिलाओं का यह भी कहना है कि दक्षिण वर्जीस्तान, जहां से वह आती हैं वहां की जिर्गा में इस बात को उन्होंने क्यों नहीं रखा। यूं भी पीटीआई पहले ही आयशा पर पैसे लेकर इस तरह के बयान देने का आरोप लगा चुकी है। वहीं दूसरी ओर आयशा ने इमरान खान की पीटीआई छोड़ दी है।
आईए अब जानते हैं कि आखिर कौन हैं ये आयशाआयशा का पूरा नाम 'आयशा गुलालाई वजीर' है जो कि एक ट्राइबल इलाके दक्षिण वर्जीस्तान से आती हैं। वह मौजूदा समय में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ की तरफ से नेशनल असेंबली की सदस्य हैं। जिस फाटा सीट से वह जीती हैं वह सीट महिला के लिए आरक्षित है। आयशा ने पेशावर विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री हासिल की है। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत दक्षिण वर्जीस्तान में एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के तौर से की थी। वह पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य के कॉर्डिनेटर के तौर पर काम करती थीं। इसके बाद वह आॅल पाकिस्तान मुस्लिम लीग की सदस्य बन गईं। वर्ष 2008 के आम चुनाव में उन्हें पीपीपी की तरफ से टिकट देने की पेशकश भी की गई थी, लेकिन उम्र कम होने की वजह से उन्होंने इससे इंकार कर दिया था।
पीटीआई का दामन थामावर्ष 2012 में उन्होंने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ का दामन थाम लिया और उन्हें पार्टी की केंद्रीय कमेटी का सदस्य बनाया गया। इसके बाद 2013 में उन्हें फाटा सीट से पीटीआई के टिकट पर नेशनल असेंबली के लिए चुना गया। अक्टूबर 2013 में उन्हें पहली बार इमरान खान ने कथित तौर पर अश्लील मैसेज भेजा था और अगस्त 2017 में उन्होंने पीटीआई को तिलांजली दे दी।