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चीनी एजेंटों को गोपनीय सूचना देने के मामले में पत्रकार की संपत्ति जब्त, ईडी ने की कार्रवाई, 2020 में दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया था मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को बताया कि उसने चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी कथित रूप से उपलब्ध कराने से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की जांच के तहत दिल्ली के एक पत्रकार की 48.21 लाख रुपये की आवासीय संपत्ति जब्त की है।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sat, 15 Jan 2022 07:22 PM (IST)
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चीनी एजेंटों को गोपनीय सूचना देने के मामले में पत्रकार की संपत्ति जब्त। फाइल फोटो।
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को बताया कि उसने चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी कथित रूप से उपलब्ध कराने से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की जांच के तहत दिल्ली के एक पत्रकार की 48.21 लाख रुपये की आवासीय संपत्ति जब्त की है। ईडी ने एक बयान में बताया कि प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की दिल्ली के पीतमपुरा क्षेत्र में स्थित संपत्ति को जब्त करने का आदेश जारी हुआ था। शर्मा को एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे पिछले हफ्ते मामले में जमानत दे दी थी। एजेंसी ने कहा, 'जांच में पाया गया कि शर्मा ने चीनी खुफिया अधिकारियों को गोपनीय और संवेदनशील जानकारी दी थी, जिसके बदले उसे महिपालपुर स्थित एक मुखौटा कंपनी के जरिये वित्तीय लाभ प्रदान किया जा रहा था। कंपनी को एक नेपाली नागरिक शेर सिंह उर्फ राज बोहरा के साथ झांग चेंग उर्फ सूरज, झांग लिक्सिया उर्फ ऊषा व किंग शी आदि चीनी नागरिक चला रहे थे। यह कंपनी राजीव शर्मा जैसे लोगों को वित्तीय लाभ मुहैया कराने के लिए चीनी खुफिया एजेंसियों के माध्यम के तौर पर काम कर रही थी।'

केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि शर्मा ने आपराधिक गतिविधियों में अपनी संलिप्तता छिपाने के लिए अपने एक दोस्त के बैंक खाते का भी धन प्राप्ति के लिए उपयोग किया। चीनी खुफिया एजेंट ने नकद राशि उपलब्ध कराने के अलावा उसे कई विदेश यात्राएं भी करवाईं। ईडी का यह मामला शासकीय गोपनीयता कानून व भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत वर्ष 2020 में शर्मा के खिलाफ दर्ज दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर आधारित है। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने उसी साल 14 सितंबर को पत्रकार को गिरफ्तार किया था। उस पर चीनी खुफिया अधिकारियों को भारतीय सेना की तैनाती और देश की सीमा रणनीति के बारे में सूचना देने का आरोप आरोप है।