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No confidence Vote: पाकिस्‍तान नेशनल असेंबली में धरे रह गए विपक्ष के नंबर, स्‍पीकर ने एक ही बाल में लगा दिया छक्‍का

पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली का मौजूदा गणित इमरान खान की सरकार का खेल खराब कर सकता था। इमरान खान काफी हद तक अपना बहुमत खो चुके थे। हालांकि इमरान सरकार के बनने के समय उनके पास बहुमत से अधिक सीट थीं।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 03 Apr 2022 02:22 PM (IST)
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पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में कमजोर हैं इमरान खान
नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में रविवार को जो कुछ देखने को मिला उसके बाद विपक्ष का आग बबूला होना स्‍वाभाविक ही था। दरअसल, विपक्ष अपने नंबरों को लेकर काफी उत्‍साहित था कि वो अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर होने वाली वोटिंग में इमरान खान को हरा देगा। ऐसा लगभग तय भी था। जियो न्‍यूज के मुताबिक प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार बहुमत के आंकड़े से बेहद पीछे हो चुकी थी। इसके मुताबिक इमरान खान के पास जहां केवल 144 सांसदों का समर्थन हासिल था वहीं विपक्ष के पास 199 सांसद थे। ऐसे में विपक्ष की एकजुटता इमरान खान पर भारी साफतौर पर दिखाई दे रही थी। लेकिन नेशनल असेंबली में वोटिंग होने से पहले ही डिप्‍टी स्‍पीकर ने विपक्ष का खेल खराब कर दिया। 

नेशनल असेंबली के डिप्‍टी स्‍पीकर ने विपक्ष द्वारा इमरान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव को गैरकानूनी बताते हुए खारिज कर एक ही बार में समूचे विपक्ष को धराशायी कर दिया। विपक्ष के इस फैसले के खिलाफ असेंबली में जमकर हंगामा हुआ है विपक्ष ने स्‍पीकर को जमकर खरीखोटी भी सुनाई। इसके बाद इमरान खान ने स्‍पीकर का धन्‍यवाद किया और नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश कर दी जिसको राष्‍ट्रपति की तरफ से मंजूरी भी मिल गई। अब देश में दोबारा चुनाव होने का रास्‍ता भी लगभग साफ हो गया है। जल्‍द ही इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगा। 

आपको बता दें कि नेशनल असेंबली में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर होने वाली वोटिंग को लेकर पहले ही कई जानकार अपनी आंशका जता चुके थे कि इमरान के पास सरकार बचाने लायक नंबर नहीं हैं। गौरतलब है कि इमरान खान ने वर्ष 2018 में पाकिस्‍तान की सत्‍ता संभाली थी। वो नया पाकिस्‍तान बनाने का वादा  कर सत्‍ता पर काबिज हुए थे। लेकिन इस दौरान देश पर लगातार विदेशी कर्ज बढ़ता गया और देश में महंगाई हर रोज एक नया रिकार्ड बनाती चली गई। यही वजह थी कि लोगों का गुस्‍सा भी सरकार के खिलाफ बढ़ता चला गया। इसका फायदा विपक्ष ने बखूबी उठाया है।  

इमरान खान की पहले की स्थिति

पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। जिस वक्‍त इमरान खान ने देश में सरकार बनाई थी उस वक्‍त उनके पास में 176 सीटें थीं। नेशनल असेंबली में सरकार को बहुमत के लिए 172 सीटों का होना जरूरी है। सरकार बनाने के दौरान इमरान खान की पीटीआई के पास 155, एमक्‍यूएम के पास 7, पीएमएल-क्‍यू और बीएपी के पास 5-5, जीडीए के पास 3, एएमएल के पास 1 सीट है। इसके अलावा जेडब्‍ल्‍यूपी के पास 1 और निर्दलीय के पास 2 सीटें थीं। वहीं विपक्ष के पास कुल 162 सीटें थीं। इनमें से नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के पास 84, पीपीपी के पास 56, एमएमए के पास 15, बीएनपी-एम के पास 4, एएनपी के पास 1 और 2 सीट निर्दलीयों के पास थीं। 

मौजूदा हालात पर नजर 

वर्तमान में नेशनल असेंबली की स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। इसकी एक बड़ी वजह पीटीआई के सांसदों का ही इमरान खान के खिलाफ बगावती तेवर दिखाना है। इमरान की पार्टी के करीब 50 सांसद उनके खिलाफ हैं। वहीं इमरान का समर्थन करने वाली एमक्‍यूएम ने भी पीपीपी का हाथ थाम लिया है। बलूचिस्‍तान आवामी पार्टी ने इमरान सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इसी तरह से दूसरे सांसद भी हैं। पिछले दिनों इमरान की ही पार्टी के सांसद नजीब हारुन ने कहा था कि इमरान को इस्‍तीफा दे देना चाहिए।

नेशनल असेंबली का समीकरण

पाकिस्‍तान के अखबार डान के मुताबिक मौजूदा समय में पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान के समर्थित सांसदों की संख्‍या 164 तक पहुंच गई है। वहीं विपक्ष की ताकत बढ़कर 177 तक हो गई है। इमरान का साथ देने वाली पार्टियों में फिलहाल पीएमएल-क्‍यू, के चार, जीडीए के तीन, बीएपी और एएमएल पार्टी के एक-एक सांसद हैं। वहीं विपक्ष में पीएमएल-एन के 84, पीपीपी के 56, एमएमए के 15, एमक्‍यूएम-पी के 7, बीएपी के 4, बीएनपी-एम के 4, एएनपी क-पीएमएल-क्‍यू-जेडब्‍ल्‍यूपी के एक-एक और चार निर्दलीय सांसद हैं।