'अब और नहीं होगा न्यायपालिका में सरकार का हस्तक्षेप', लाहौर हाई कोर्ट ने कहा- बिना किसी डर से काम कर रहा देश का न्यायालय
पाकिस्तान के हाईकोर्ट ने दावा किया था उन्हें न्यायिक मामलों में कुछ संस्थानों के हस्तक्षेप की शिकायतें मिली थीं। अब इस मामले में सुनवाई हुई है और चीफ जस्टिस ने विश्वास दिलवाया कि न्यायिक मामलो में जल्द ही सरकार का हस्तक्षेप खत्म हो जाएगा। बता दें कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।
एएनआई, इस्लामाबाद। लाहौर हाई कोर्ट में न्यायिक मामलों में सरकार के हस्तक्षेप को लेकर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मलिक शहजाद अहमद खान ने इस पर अपना फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि न्यायिक मामलों में सरकार का हस्तक्षेप जल्द ही समाप्त हो जाएगा। न्यायपालिका में हस्तक्षेप से इस विश्वास के साथ लड़ना होगा कि यह जल्द ही समाप्त हो जाएगा।
लाहौर हाई कोर्ट के जज ने विचार व्यक्त किया और बताया कि न्यायपालिका 'बिना किसी डर या लालच के अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रही है।' न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए कहा कि 'न्यायपालिका में सरकार का हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा और मेरा अनुभव मुझे बताता है कि यह जल्द ही समाप्त हो जाएगा।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने 25 मार्च को लिखा था पत्र
मुख्य न्यायाधीश की यह टिप्पणी इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के छह न्यायाधीशों की तरफ से 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट को लिखे एक पत्र के बाद आई, जिसमें खुफिया एजेंसियों पर न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया था।इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा से न्यायिक जिम्मेदारियों में सरकार के हस्तक्षेप या न्यायाधीशों को इस तरह से डराने की जांच करने के लिए एक न्यायिक सम्मेलन बुलाने के लिए कहा था। बताया जा रहा है इसके बाद न्यायपालिका की स्वतंत्रता खतरे में पड़ गई थी।