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Malaria in Pakistan: पाकिस्‍तान में बाढ़ के बाद अब मलेरिया-डेंगू का कहर, डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी

Malaria in Pakistanमलेरिया के कारण होने वाली मृत्यु दर को रोकने के लिएWHO 25 लाख अमरीकी डालर मूल्य की रैपिड डायग्नोस्टिक किट और मलेरिया-रोधी दवाएं प्रदान कर रहा है जबकि मलेरिया के प्रकोप से निपटने के लिए संघीय और प्रांतीय सरकारों को तकनीकी सहायता भी प्रदान की जा रही है।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 09 Oct 2022 02:42 PM (IST)
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पाकिस्तान में 27 लाख मलेरिया के मामलों की डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी

इस्लामाबाद, एजेंसी। बाढ़ और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में अब बीमारियां अपने पैर पसार रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को जनवरी 2023 तक 32 जिलों में बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान में 2.7 मिलियन (27 लाख) मलेरिया के मामलों की चेतावनी दी। संगठन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान के लिए 'बहुत कुछ करने' का आग्रह किया। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, हैजा, खसरा और डेंगू का प्रकोप अन्य बीमारियों में शामिल है।

द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की बाढ़ को ग्रेड 3 आपातकाल घोषित करते हुए, डब्ल्यूएचओ ने पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी के प्रकोप की दूसरी लहर पर चिंता व्यक्त की।

पाकिस्तान में डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि डॉ पलिता महिपाला ने कहा कि वे जनवरी 2023 तक 32 जिलों में 27 लाख मलेरिया के मामलों अनुमान लगा रहे हैं।

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अपने व्याख्यान के दौरान, डॉ महिपाल ने कहा कि सिंध और बलूचिस्तान में 32 जिले मलेरिया के कारण "सबसे बुरी तरह प्रभावित" थे, क्योंकि हर दिन हजारों मामले सामने आ रहे थे। जियो न्यूज के मुताबिक, दिसंबर 2023 तक इन जिलों में मलेरिया के 20 लाख मामले सामने आने की संभावना है और जनवरी 2023 तक करीब 27 लाख मलेरिया के मामले सामने आएंगे।

महिपाल ने कहा, 'जैसा कि (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ने पहले चेतावनी दी थी, पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी और वेक्टर जनित बीमारियों के प्रकोप के रूप में दूसरी आपदा शुरू हो गई है।'

जियो न्यूज के अनुसार, हैजा, खसरा और डेंगू का प्रकोप उन बीमारियों में से हैं, जिनका अगर तुरंत इलाज नहीं किया गया तो यह बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है, उन्होंने इस्लामाबाद में डब्ल्यूएचओ कंट्री ऑफिस में एक ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा।

बाढ़ और मलेरिया के बाद सर्दी बनी तीसरी बड़ी चुनौती

डॉ महिपाल ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तीसरी बड़ी चुनौती निकट आ रही सर्दी है। सिंध और बलूचिस्तान में सैकड़ों किलोमीटर सड़कों के किनारे रहने वाले लाखों बाढ़ प्रभावित लोग पानी, वेक्टर जनित बीमारियों और कठोर सर्दियों के घातक संयोजन का सामना कर रहे हैं।

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