Pakistan: फैसलाबाद में कई चर्चों में तोड़फोड़ के बाद 100 से अधिक लोग गिरफ्तार, बिशप ने मांगी सुरक्षा
पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि प्रांतीय सरकार ने भी घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इससे पहले पंजाब के अंतरिम सूचना मंत्री अमीर मीर ने कहा था कि क्षेत्र में शांति भंग करने वाले दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया था। चर्चों में तोड़फोड़ के आरोप में अभी तक 100 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Thu, 17 Aug 2023 06:32 AM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान के फैसलाबाद में कथित ईशनिंदा को लेकर ईसाइयों को निशाना बनाकर किए गए दंगों में शामिल होने के आरोप में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तान स्थित डॉन ने अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि ईशनिंदा के आरोप में बुधवार को पाकिस्तान के फैसलाबाद के जरनवाला जिले में कई चर्चों में तोड़फोड़ की गई।
जरनवाला में हिंसा एक सोची-समझी साजिश
पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि प्रांतीय सरकार ने भी घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इससे पहले, पंजाब के अंतरिम सूचना मंत्री अमीर मीर ने कहा था कि क्षेत्र में शांति भंग करने वाले दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया था। एक बयान में मंत्री ने कहा कि जरनवाला में हिंसा एक 'सोची-समझी साजिश' के तहत की गई। जनता की भावनाओं को भड़काकर शांति भंग करने की योजना थी।
जियो न्यूज ने मीर के हवाले से कहा, फैसलाबाद में स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। प्रांतीय सूचना मंत्री ने यह भी कहा कि पवित्र ग्रंथ के अपमान की दुखद घटना की जांच तेजी से चल रही है, उन्होंने कहा कि जो कोई भी कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
6,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात
सूचना मंत्री ने कहा कि चर्चों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित इलाकों में 6,000 से अधिक पुलिसकर्मी और रेंजर्स कर्मी मौजूद हैं। डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच, ईसाई नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बिशप आजाद मार्शल ने कहा कि ईसाइयों पर अत्याचार और उत्पीड़न किया जा रहा है। बिशप ने कहा कि सभी नागरिकों को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और हमें आश्वस्त करना चाहिए कि हमारी अपनी मातृभूमि में हमारा जीवन मूल्यवान है, जिसने अभी-अभी स्वतंत्रता का जश्न मनाया है।
बता दें विशेष रूप से, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को पिछले वर्षों में उत्पीड़न और लक्षित हमलों की एक श्रृंखला का सामना करना पड़ा है। मानवाधिकार फोकस, पाकिस्तान के राष्ट्रपति नवीद वाल्टर ने जुलाई में कहा था कि 1947 में आजादी के बाद से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत हो गई है।