पाक में अहमदिया आबादी को रोकने के लिए मौलाना का गर्भवती महिलाओं पर हमले का निर्देश, पुलिस को दी चेतावनी
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के प्रति बर्बरता रुक नहीं रही है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक मौलवी ने अपने अनुयायियों से अहमदिया समुदाय की गर्भवती महिलाओं पर हमला करने का निर्देश दिया है जिससे कोई नया अहमदिया पैदा न हो सके।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के प्रति बर्बरता रुक नहीं रही है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक मौलवी ने अपने अनुयायियों से अहमदिया समुदाय की गर्भवती महिलाओं पर हमला करने का निर्देश दिया है, जिससे कोई नया अहमदिया पैदा न हो सके। धार्मिक उदारता व मानवाधिकार संबंधी मैगजीन बिटर विंटर की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट मीडिया पर टीएलपी (TLP) के मौलवी मोहम्मद नईम चट्ठा कादरी का इस तरह की की अपील करते एक वीडियो तेजी से प्रसारित हो रहा है।
पुलिस को दी चेतावनी
वीडियो में वह कहता है कि ईशनिंदा करने वालों की एक ही सजा है, सिर कलम कर देना। समर्थकों से कहा कि अगर हमला सफल न हो तो जो बच्चे पैदा हो रहे हैं उन्हें मार देना चाहिए। इसके साथ ही कादरी ने अहमदियों के सफाये के दौरान पुलिस को किसी तरह का हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी है। मौलवी ने कहा कि हम लोग रुकने वाले नहीं हैं।
हाल ही में हुई थी एक हत्या
पत्रिका में एक इतालवी समाजशास्त्री मास्सिमो इंट्रोविग्ने ने लिखा है कि टीएलपी ईसाई और अहमदियों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपने हमलों के लिए कुख्यात है। बीते 12 अगस्त को अहमदिया बहुल रबवाह इलाके में मुख्य बस स्टाप पर अहमदिया समुदाय के नसीर अहमद (62) की चाकू गोदकर बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी गई थी।
अहमदिया समुदाय को माना जाता है दूसरे दर्जे का नागरिक
मालूम हो कि पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को दूसरे दर्जे का नागिरक माना जाता है। उन्हें कथित तौर पर मतदान करने और पद ग्रहण से रोका जाता है। बहुत से अहमदियों को झूठे ईशनिंदा के आरोप में फांसी की सजा दे दी गई है।
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