Pakistan में सुरक्षा चौकी पर आतंकवादियों ने किया हमला, सेना के दो अधिकारियों की मौत; तलाशी अभियान जारी
अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में एक सुरक्षा चौकी पर आतंकवादियों के हमले में पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारी की मौत हो गई। पाकिस्तानी सेना के मुताबिक उत्तरी वजीरिस्तान जिले के स्पिनवाम क्षेत्र में हथियारबंद लोगों ने सुरक्षा जांच चौकी पर गोलीबारी की। फाइल फोटो।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 27 Feb 2023 10:54 PM (IST)
पेशावर, पीटीआई। अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में एक सुरक्षा चौकी पर आतंकवादियों के हमले में पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारी की मौत हो गई। सेना की मीडिया मामलों की शाखा ने यह जानकारी दी है। पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, उत्तरी वजीरिस्तान जिले के स्पिनवाम क्षेत्र में हथियारबंद लोगों ने सुरक्षा जांच चौकी पर गोलीबारी की। पाकिस्तानी सेना द्वारा जवाबी हमले में दो हमलावर मारे गए, जबकि दो अन्य को गोला-बारूद के साथ पकड़ा गया। हमलावरों को खदेड़ने के लिए इलाके में तलाशी की जा रही है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने की हमले की निंदा
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा की है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। हालांकि इस हमले की किसी आतंकवादी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से हथियारबंद लड़ाकों के हमले की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। पाकिस्तान फिलहाल अशांति की चपेट में है और देश में हिंसा की ज्यादातर घटनाएं खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हो रही हैं। हालांकि बलूचिस्तान, पंजाब और सिंध प्रांत भी हिंसा के चपेट में हैं।
पाकिस्तान में मस्जिदों पर हो रहे हमले
देश में मस्जिदें भी हमलावरों से सुरक्षित नहीं हैं। 30 जनवरी को टीटीपी के एक आत्मघाती हमलावर ने पेशावर की एक मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान खुद को उड़ा लिया। इस हमले में 101 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। मरने वालों में अधिकतर पुलिस कर्मी शामिल थे।तालिबान ने टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई से किया इनकार
पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने जून 2022 में पिछले साल नवंबर में सरकार से हुए अनिश्चितकालीन संघर्ष विराम को वापस ले लिया और अपने लड़ाकों को सुरक्षा बलों पर हमले करने के आदेश दिए। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अफगान तालिबान टीटीपी के गुर्गों को देश से बाहर निकाल देगा लेकिन तालिबान ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। टीटीपी को 2007 में कई उग्रवादी संगठनों को साथ लाकर सामूहिक समूह के रूप में गठित किया गया था।