Pakistan: पाकिस्तान में ईसाइयों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र हुई 18 वर्ष, असेंबली में ध्वनिमत से पास हुआ बिल
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संविधान के अनुच्छेद 75 के तहत ईसाई विवाह (संशोधन) अधिनियम 2024 को स्वीकृति दी है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यह अधिनियम ईसाई विवाह अधिनियम 1872 की धारा 60 में संशोधन के बाद लागू किया गया है। नए कानून के अंतर्गत ईसाई समुदाय में पुरुष और महिला दोनों के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित कर दी गई है।
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने मंगलवार को ईसाई पुरुष और महिला के लिए शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष कर दी। उम्र में यह वृद्धि 1872 में लागू कानून में संशोधन के बाद की गई है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संविधान के अनुच्छेद 75 के तहत ईसाई विवाह (संशोधन) अधिनियम 2024 को स्वीकृति दी है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह अधिनियम ईसाई विवाह अधिनियम 1872 की धारा 60 में संशोधन के बाद लागू किया गया है। नए कानून के अंतर्गत ईसाई समुदाय में पुरुष और महिला दोनों के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। इससे पहले ईसाई पुरुष और महिला की उम्र क्रमश: 16 और 13 वर्ष निर्धारित थी।
पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने इस महीने के शुरू में ध्वनिमत से विवाह के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र बढ़ाकर 18 करने की स्वीकृति दी थी। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न ईसाई संगठनों ने ईसाइयों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र बढ़ाने का स्वागत किया है।
पाकिस्तान में नौ मई के दंगा मामले की खुली सुनवाई हो : कुरैशी
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एटीसी में नौ मई के दंगा से संबंधित मामले की इन-कैमरा की जगह खुली सुनवाई की मांग की है। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के उपाध्यक्ष कुरैशी पर इस्लामाबाद के शादमान थाने पर हमला के लिए उकसाने का आरोप है।
पिछले वर्ष इमरान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को पीटीआइ के कार्यकर्ताओं ने पूरे देश में तोड़फोड़ की थी। पंजाब पुलिस ने कुरैशी को पिछले सप्ताह रावल¨पडी स्थित अदियाला जेल से लाहौर स्थित कोट लखपत जेल स्थानांतरित किया था। कोट लखपत जेल में सोमवार को आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) में मामले की सुनवाई की गई।
एटीसी-आइ लाहौर के न्यायाधीश खालिद अर्शद ने कुरैशी एवं अन्य आरोपितों के वकीलों को अभियोजन के गवाहों से पूछताछ करने का निर्देश दिया। ज्यादातर गवाह पुलिसकर्मी हैं। पीटीआइ के उपाध्यक्ष कुरैशी ने कोर्ट से खुली सुनवाई का आग्रह किया। कुरैशी के लिखित आग्रह सौंपने पर कोर्ट ने कहा कि अदालत इस पर विचार करेगी और 25 जुलाई तक सुनवाई टाल दी।