पाकिस्तान में नाबालिग हिंदू बच्चे का अपहरण, पड़ोसी मुल्क में अल्पसंख्यकों के साथ बढ़ रहीं अप्रिय घटनाएं
बच्चे के मामा सवान राज ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि शुरू में अपहर्ताओं ने दो बच्चों का अपहरण करने का प्रयास किया लेकिन एक वहां से बचकर भाग निकला। इसके बाद वे इलाके के लोगों के सामने ही आदेश कुमार को लेकर भाग निकले।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2022 10:51 PM (IST)
कराची, आइएएनएस। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रानीपुर कस्बे में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के एक नाबालिग बच्चे का उसके घर के बाहर से अज्ञात लोगों ने अपरहण कर लिया। पुलिस और परिवार के सदस्यों के अनुसार, यह घटना सोमवार सुबह हुई। घटना के समय बच्चा आदेश कुमार अपने दो पड़ोसी बच्चों के साथ घर के सामने खेल रहा था। मोटरसाइकिल सवार दो संदिग्ध गली में आए और उसका अपहरण कर लिया।
बच्चे के मामा सवान राज ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया, 'शुरू में अपहर्ताओं ने दो बच्चों का अपहरण करने का प्रयास किया, लेकिन एक वहां से बचकर भाग निकला। इसके बाद वे इलाके के लोगों के सामने ही आदेश कुमार को लेकर भाग निकले।'
अपहर्ताओं ने एक व्यक्ति को गोली मारकर किया घायल
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने अपहर्ताओं का घटनास्थल से 50 किलोमीटर दूर कोट बंगले तक पीछा किया, लेकिन वे पकड़ में नहीं आए। आदेश को बचाने के प्रयास में अपहर्ताओं ने एक व्यक्ति को गोली मारकर घायल कर दिया।पुलिस से मिला केवल आश्वासन
आसपास के लोगों ने दोनों मोटरसाइकिल सवारों के बीच बच्चे को रोते देखा। घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचना दी गई। राज ने कहा कि पुलिस से केवल आश्वासन ही दिया गया है। पुलिस के अनुसार, उन्होंने सीसीटीवी रिकार्डिग की जांच की है और मामले की जांच कर रहे हैं। रानीपुर के एसएचओ अमीर अली चांग ने कहा कि हमने कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और उम्मीद है कि हम बच्चे को बरामद कर लेंगे और असली अपराधी गिरफ्तार किए जाएंगे।
पाकिस्तान में चरमपंथी हिंदुओं का करते हैं उत्पीड़नबता दें कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। पाकिस्तान में दो प्रतिशत से भी कम हिंदू हैं। 95 प्रतिशत हिंदू सिंध के दक्षिणी प्रांत में रहते हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी ज्यादातर गरीब हैं और देश की विधायी प्रणाली में उनका प्रतिनिधित्व नगण्य है। पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसी है जहां वे मुस्लिम निवासियों के साथ संस्कृति, परंपरा और भाषा साझा करते हैं। वे अक्सर चरमपंथियों द्वारा उत्पीड़न की शिकायत करते हैं।