Nawaz Sharif Return: भ्रष्टाचार के दो मामलों में नवाज शरीफ को इस्लामाबाद HC से राहत, 24 अक्टूबर तक मिली जमानत
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 24 अक्टूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दे दी है। पाकिस्तान लौटने से पहले नवाज शरीफ को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को अस्थायी राहत दिया है। इसी बीच पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने तोशाखाना वाहन मामले में उनके गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर दिया।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Thu, 19 Oct 2023 02:30 PM (IST)
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 24 अक्टूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दे दी है। पाकिस्तान लौटने से पहले नवाज शरीफ को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को अस्थायी राहत दिया है। इसी बीच, पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने तोशाखाना वाहन मामले में उनके गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर दिया।
तोशाखाना वाहन मामले में गिरफ्तारी वारंट निलंबित
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो ने एक वकील काजी मुशाहिद के माध्यम से बुधवार को इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत नंबर 1 से संपर्क किया, जिसमें दो साल पहले जारी किए गए स्थायी गिरफ्तारी वारंट को निलंबित करने की मांग की गई थी।बताया जा रहा है कि नवाज शरीफ का गिरफ्तारी वारंट इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि वे एक मामले में उपस्थित होने में विफल रहे थे। उल्लेखनीय है कि 73 वर्षीय राजनेता को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया गया था और तोशाखाना वाहन मामले में घोषित अपराधी घोषित किया गया था।
यह भी पढ़ें: Israel Hamas War: मैदान-ए-जंग में हमास की टॉप महिला लीडर ढेर, आखिर कौन हैं Jamila al-Shantiयह दोनों मामले इस्लामाबाद में एक जवाबदेही अदालत के समक्ष लंबित है। नवाज इन मामलों में जमानत पर थे, जब वह 2019 में इलाज के लिए यूके चले गए थे। यह राहत 21 अक्टूबर को नवाज शरीफ के पाकिस्तान आगमन से कुछ ही दिन पहले आई है, जिससे लंदन में लगभग चार साल का आत्म-निर्वासन समाप्त होगा।
याचिका के अनुसार, नवाज अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने और 'न्याय की उचित प्रक्रिया को प्रस्तुत करने और कानून के तहत अनुमत उपायों का लाभ उठाने' के लिए सुरक्षात्मक जमानत की मांग कर रहे थे।