Pakistan Politics: इमरान खान का अनर्गल प्रलाप जारी, अब भारत पर भी साजिश रचने का आरोप जड़ा
पाकिस्तान में अप्रत्याशित रूप से सत्ता गंवाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का अनर्गल प्रलाप जारी है। अब उन्होंने भारत इजरायल और अमेरिका पर साजिश कर उनकी सरकार गिरवाने का आरोप लगाया है। कहा कि इन देशों ने पाकिस्तान को अयोग्य नेताओं के हवाले कर दिया है।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2022 10:17 PM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में अप्रत्याशित रूप से सत्ता गंवाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का अनर्गल प्रलाप जारी है। अब उन्होंने भारत, इजरायल और अमेरिका पर साजिश कर उनकी सरकार गिरवाने का आरोप लगाया है। कहा कि इन देशों ने पाकिस्तान को अयोग्य नेताओं के हवाले कर दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान इन दिनों खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दौरे पर हैं और वहां पर जनसभाएं कर रहे हैं। वह एक बार फिर राजधानी इस्लामाबाद के लिए मार्च शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
कहा, अमेरिका और इजरायल के साथ मिलकर गिरवाई उनकी सरकारइमरान की मांग देश में मध्यावधि चुनाव कराने की है। अपनी सरकार गिरने से पहले और उसके बाद इमरान उसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। कहते रहे हैं कि अमेरिका ने साजिश रचकर उनकी सरकार गिरवाई। इस दौरान उन्होंने कई बार भारत और भारतीय विदेश नीति की तारीफ भी की। लेकिन शनिवार को दीर की जनसभा में अचानक उनके सुर बदल गए। उनके निशाने पर भारत और इजरायल भी आ गए।
कहा कि ये देश पाकिस्तान में कठपुतली सरकार बनवाना चाहते थे जो शरीफ परिवार के नेतृत्व वाली हो। इस साजिश में ये देश सफल रहे और पाकिस्तान का भविष्य खतरे में पड़ गया। इमरान ने आशंका जताई कि मौजूदा सरकार उन्हें देशद्रोह के मामले में फंसाकर जेल भेज सकती है। राजनीतिक विरोध खत्म करने के लिए वह ऐसा कर सकती है। इस अंदेशे के बावजूद वह समर्पण नहीं करेंगे, सही बात बोलना बंद नहीं करेंगे।
देश को तीन टुकड़ों में बांटने की साजिश
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने चेतावनी दी थी कि अगर सेना ने सही फैसला नहीं लिया तो देश तीन टुकड़ों में बंट जाएगा। इमरान ने दावा किया है कि विदेशों में भारतीय थिंक टैंक बलूचिस्तान को अलग करने की योजना बना रहा है। भारतीय थिंक टैंक के पास योजनाएं हैं। इसलिए मैं चेतावनी दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आत्महत्या की कगार पर है और अगर सही फैसले नहीं लिए गए तो इसका सबसे पहला शिकार सेना होगी और यूक्रेन की तरह से हमारे भी परमाणु बम चले जाएंगे।