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विदेशी कर्ज और चरम महंगाई के बीच पाकिस्तान पर गिरा पेट्रोल बम, विपक्षी दलों ने किया विरोध

पाकिस्‍तान में महंगाई चरम पर पहुंच गई है। पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 12.03 रुपये बढ़ने पर विपक्षी दलों ने इमरान सरकार का बढ़ती महंगाई व भारी-भरकम विदेशी कर्ज लेने का कड़ा विरोध किया है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Wed, 16 Feb 2022 05:58 PM (IST)
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पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने इमरान सरकार का बढ़ती महंगाई व भारी-भरकम विदेशी कर्ज लेने का कड़ा विरोध किया है।
इस्लामाबाद, एएनआइ। प्रधानमंत्री इमरान खान के बेतहाशा विदेशी कर्ज लेने और महंगाई चरम पर पहुंचने के बीच पाकिस्तान पर 'पेट्रोल बम' गिर गया है। पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 12.03 रुपये बढ़ने पर विपक्षी दलों ने इमरान सरकार का बढ़ती महंगाई व भारी-भरकम विदेशी कर्ज लेने का कड़ा विरोध किया है। इसके साथ ही पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टरों ने भी किराए में बढ़ोतरी किए जाने की मांग की है। ट्रांसपोर्टरों ने चेताया है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो वे हड़ताल करने को मजबूर हो जाएंंगे।

जियो टीवी के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थो की कीमत 12.03 प्रति लीटर बढ़ाई है। इससे पेट्रोल की कीमत 147.82 प्रति लीटर से 159.86 प्रति लीटर हो गई है। जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ और कई अन्य विपक्षी दलों ने इमरान सरकार की जमकर आलोचना की है। पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को देश की गर्त में जाती अर्थव्यवस्था की चिंता करनी चाहिए।

देश में महंगाई भी बेतहाशा बढ़ गई है। चीनी और गेहूं घोटाले पर भी इमरान सरकार की निंदा की गई है। पीएमएल-एन के अलावा, सिंध सरकार के प्रवक्ता मुर्तजा वहाब ने एक वीडियो संदेश में कहा कि आसमान छूती महंगाई के बीच पेट्रोल के दाम बढ़ाकर इमरान सरकार ने पाकिस्तान की जनता पर पेट्रोल बम गिरा दिया है। इसीतरह जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराज-उल-हक ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ाना सरासर गलत है।

विपक्षी दलों के हमले के साथ पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टरों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टरों ने घोषणा की है कि यदि सरकार ने ईंधन परिवहन के किराए में बढ़ोतरी नहीं करती तो वे अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करेंगे। पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि ईंधन परिवहन के भाड़े में 2011 से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके साथ ही पेट्रोलियम ट्रांसपोर्टरों देश भर में ईंधन की आपूर्ति बाधित करने की चेतावनी दी है।