पाक अदालत ने 'वरिष्ठता' के आधार पर सेना प्रमुख की नियुक्ति की मांग वाली याचिका को किया खारिज
एडवोकेट नजमा अहमद की याचिका को बुधवार को सुनवाई के बाद लाहौर हाईकोर्ट ने खारिज किया। अदालत के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा न्यायाधीश ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी है कि याचिकाकर्ता प्रभावित व्यक्ति नहीं है।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 16 Nov 2022 07:49 PM (IST)
लाहौर, पीटीआई। पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। वहीं पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने बुधवार को नए सेना प्रमुख की नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। एडवोकेट नजमा अहमद की याचिका को बुधवार को सुनवाई के बाद लाहौर हाईकोर्ट ने खारिज किया। अदालत के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'न्यायाधीश ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी है कि याचिकाकर्ता प्रभावित व्यक्ति नहीं है।'
वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर
मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होने वाला है। बता दें कि इससे पहले सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी ने संकेत दिया था कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ वरिष्ठता के आधार पर नए पाकिस्तानी सेना प्रमुख की नियुक्ति कर सकते हैं। वहीं इस वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर रहने वाले लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर को इस पद के लिए लंदन स्थित पीएमएल-एन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ की पसंद माना जा रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज ने जोर देकर कहा है कि नियुक्ति 'मेरिट' के आधार पर की जाएगी।
याचिकाकर्ता अहमद का बयान
याचिकाकर्ता अहमद ने कहा कि सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया अवैध और असंवैधानिक थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश और सभी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्त किया जाता है। लेकिन सेना प्रमुख के चयन में इसी सिद्धांत की अनदेखी की गई। अहमद ने आगे कहा, 'यही कारन है कि सबसे सम्मानपूर्वक उत्तरदाताओं को सेना प्रमुख के रूप में सबसे वरिष्ठ व्यक्ति को नियुक्त करने का निर्देश देने की प्रार्थना की जाती है।'सेना प्रमुख की नियुक्ति
पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 243(3) के अनुसार, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सिफारिश पर सेना प्रमुख की नियुक्ति करता है। सामान्य मुख्यालय (जीएचक्यू) चार से पांच सबसे वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरलों की एक सूची उनकी कार्मिक फाइलों के साथ रक्षा मंत्रालय को भेजता है, जो फिर उन्हें प्रधानमंत्री को उस अधिकारी को चुनने के लिए भेजता है, जो उन्हें सबसे उपयुक्त लगता है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के अनुसार, जीएचक्यू इस सप्ताह के अंत में रक्षा मंत्रालय को सारांश भेज सकता है।
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